शनिवार, 20 अगस्त 2022

2023 मे होली कितने तारीख को है 2023 me holi kab hai हिंदी मे जाने

नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे कि 2023 में होली कितने तारीख को है 2023 me holi kab hai होली का त्यौहार हर वर्ष मनाया जाता है

लेकिन हर वर्ष होली की तारीख अलग अलग होती है

होली का त्यौहार फाल्गुन मास में मनाया जाता है लेकिन इसमें तारीख हर वर्ष बदलती रहती है जिससे मालूम नहीं हो पाता है

कि होली कितने तारीख को है होली किस दिन मनाई जाएगी होली के दिन पता करने के लिए सभी लोग हिंदू कैलेंडर या गूगल का उपयोग करते हैं

और होली की तारीख को मालूम करते हैं लेकिन 2023 में होली कितने तारीख को है यदि आप जानना चाहते हैं तो हम आपको इस पोस्ट में 2023 में होली कितने तारीख को है

पूरी जानकारी देंगे होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है क्योंकि होली भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि होली ऐसा पर्व है

जो कि बुराइयों पर विजय पाने की खुशी में मनाया जाता है और होली के दिन रंग और अबीर खेलकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है और होली का त्यौहार ऐसे मौसम में मनाया जाता है जब शीत ऋतु की समाप्ति और गर्मी के दिनों का आगमन होता है तो आइए जानते हैं कि 2023 me holi kab hai 


2023 में होली कितने तारीख को है 2023 me holi kab hai




2023 me holi kitne tarikh  hai  हिंदू कैलेंडर के अनुसार 2023 में होली 8 मार्च  दिन मंगलवार को है इस वर्ष होली का त्यौहार फाल्गुन महीने में 8 मार्च को मनाया जाएगा होलिका दहन शुभ मुहूर्त 6:24 से लेकर 8:51 तक रहेगी होलिका दहन फागुन महीने की पूर्णिमा तिथि 7 मार्च को मनाया जाएगा 



2023

होली

8 march दिन मंगलवार

2023

होलिका दहन

7 march दिन सोमवार

2023

होलिका दहन शुभ मुहूर्त शुरू

6: 24 से

2023

होलिका दहन शुभ मुहूर्त समाप्ति

8:51 पर

2023

कुल अवधि

2 घंटा 26 मिनट

2023

होलिका दहन तिथि

फागुन महीने पूर्णिमा को



2023 मैं होली 8 मार्च को है


होली का त्यौहार हर वर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष तारीख बदलती रहती है 2023 में होली 8 मार्च को मनाई जाएगी ऐसा माना जाता है कि होली का त्यौहार बुराई पर विजय पाने की खुशी में मनाई जाती है


होली के दिन हमें याद दिलाया जाता है कि बुराई भले ही कितनी ताकतवर क्यों ना हो लेकिन हमेशा सच्चाई का ही जीत होती है जिस कारण से होली का त्यौहार हर कोई बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं एक दूसरे को रंग लगाकर नाचते गाते हुए होली का त्यौहार मनाते हैं


2023 में होलिका दहन 7 मार्च को है


होलिका दहन होली के 1 दिन पहले किया जाता है फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है 2023 में होलिका दहन 7 मार्च दिन सोमवार को किया जाएगा इस दिन सभी लोग अपने-अपने घरों से लकड़ी ले जाकर एक जगह इकट्ठा करते हैं जिससे होलीका दहन किया जाता है


सभी लोग लकड़ियां इकट्ठा करके उसमें विधिपूर्वक आग लगाते हैं उसके बाद चारों ओर परिक्रमा करके गाते बजाते हैं होलिका दहन के दिन होली के चारों ओर परिक्रमा जरूर करना चाहिए


वैज्ञानिक को मानना है की होलिका दहन के चारों ओर परिक्रमा करने से नकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर से बाहर होता है

और हमारे शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे हमें स्वास्थ्य संबंधित कई लाभ मिलते हैं


2023 में होलिका दहन शुभ मुहूर्त


होलिका दहन हमेशा मुहूर्त देखकर किया जाता है 2023 में होलिका दहन शुभ मुहूर्त 6:24 से लेकर 8:51 तक रहेगा होलिका दहन का कुल अवधि 2 घंटा 26 मिनट तक है यदि आप होलिका दहन करना चाहते हैं तो होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें जिससे आपको होलिका दहन का लाभ मिलेगा होलिका दहन की पूरी तैयारी कर ले पर्याप्त मात्रा में लकड़ी को इकट्ठा करें


और शुभ मुहूर्त में होलिका दहन का शुभ आरंभ करें जिससे आपके अंदर के नकारात्मक ऊर्जा दूर होगा और आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा जिससे आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे तो आइए  जानते हैं कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है


होली क्यों मनाया जाता है




होली का त्योहार बुराइयों पर जीत की प्रतीक के रूप में मनाया जाता है होली का त्यौहार मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है जिनमें एक कथा है हिरना कश्यप और प्रहलाद का विष्णु पुराण के अनुसार इसी दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जो प्रह्लाद को मरना चाहती थी वह खुद ही अग्नि में जलकर भस्म हो गई


जिस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है अब हम इसे एक कहानी के रूप में बताते हैं विष्णु पुराण में प्रहलाद और होली का की पूरा वर्णन मिलता है विष्णु पुराण के अनुसार प्रह्लाद भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था


वह दिन-रात भगवान विष्णु का जाप करता था लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के शत्रु थे हिरण्यकश्यप असुर थे वह हमेशा लोगों पर अत्याचार करता था


उसे ब्रह्मदेव का वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता गंधर्व या मनुष्य उसे मार ना सके नहीं वह किसी अस्त्र से मरता ना ही कोई शस्त्र उसे मार सकता था ना ही वह दिन में मरता और ना ही कोई उसे रात में मार सकता था


ना ही वह घर में मरता और ना ही कोई उसे घर के बाहर मार सकता था नहीं वह आकाश में मरता और ना ही कोई पताल में मार सकता था उन्होंने ऐसा वरदान प्राप्त किया था जिससे उसे मारना असंभव हो गया था


वह तो ब्रह्मा जी से अमृत का वरदान मांग रहा था लेकिन ब्रह्मा जी ने कहा कि जो भी जीव इस दुनिया में जन्म लेते हैं उसका मरना अटल है इसलिए मैं तुम्हें अमृत्व का वरदान नहीं दे सकता तब उसने कश्यप ने अपनी चलाकि दिखाइ और ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया जिसे कोई उसे मारना सके


और वरदान प्राप्त करके हिना कश्यप अपने आप को भगवान मानने लगे और वह धीरे-धीरे पूरे पृथ्वी लोक पर अपना कब्जा करने लगा वह खुद को भगवान मानता था और पृथ्वी लोक पर सभी मानव से अपना पूजा करवाता था पर उन्हें हिरणाकश्यप का पुत्र प्रह्लाद था


जो भगवान विष्णु का पूजा करता था जिस कारण से हिरना कश्यप अपने पुत्र को मारना चाहता था हिरण्यकश्यप का कहना था कि तुम मेरी पूजा करो मैं ही भगवान हूं लेकिन जब प्रह्लाद नहीं माना तो हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने का विचार किया


हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने के लिए हाथ पैर बांधकर पर्वत से नीचे गिरा दिया लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे जिस कारण से प्रह्लाद जिंदा बच गया


जब हिना कश्यप ने देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद अभी भी जीवित है तो प्रह्लाद को हाथी के पैरों तले कुचला गया लेकिन प्रह्लाद फिर भी जिंदा बच गया तो फिर प्रह्लाद को खोलता हुआ तेल में डाल दिया


लेकिन प्रह्लाद के ऊपर भगवान विष्णु का कृपा था जिस कारण से फिर जिंदा बच गया हिरणकश्यप परेशान हो गए वह सोचने लगे कि आखिर प्रह्लाद को मृत्यु कैसे दिया जाए


तभी उसके मन में एक विचार आया की उनकी बहन होलिका को अग्निदेव से वरदान प्राप्त है कि अग्नि उसे नहीं जला सकती है उसी का फायदा उठाकर प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलाया


और एक बहुत बड़ी चिता तैयार किया जिसमें लकड़ियों द्वारा एक चिता बनाई गई और उसी चिता पर होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठ गए और फिर उस चिता में आग लगा दिया गया


आज इतना प्रबल था कि कोई भी  चिता से जिंदा नहीं बच सकता था चिता से दहकती  अंगार आसमान को छू रहा था हिरण्यकश्यप खुश थे कि अब उसका पुत्र प्रह्लाद अग्नि से जिंदा नहीं बच सकता है


क्योंकि मेरी बहन होलिका को तो वरदान प्राप्त है वह जिंदा बच जाएगी लेकिन शायद होली का और हिरण्यकश्यप को पता नहीं था कि अग्नि देव होलिका को वरदान देते समय एक चेतावनी भी दिया था


कि यदि तुम इस  वरदान को गलत उपयोग करोगे तो यही वरदान अभिशाप बन जाएगा लेकिन होलिका असुरी प्रवृत्ति के होने के कारण अग्नि देव की चेतावनी को ध्यान नहीं दिया


और प्रह्लाद तो भगवान विष्णु के परम भक्त थे जिस कारण से प्रह्लाद अग्नि से जिंदा बाहर आ गया और होली का उसी अग्नि में जलकर मर गई और इसी कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है और अंत में भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर हिरण कश्यप को अंत कर दिया


यहां पढ़ें - किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है


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होली पर निबंध


होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है


हौली फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है


होली भारत के कोने कोने में मनाया जाता है होली के दिन एक दूसरे को रंग लगाते हैं


होली रंगों का त्योहार है होली मैं बच्चे से लेकर बूढ़े तक खुश नजर आते हैं


हालांकि दिन सभी के चेहरे पर रंग और गुलाल दिखाई देते हैं


होली के दिन अपने से बड़ों को अबीर लगाकर उसके पैर छूते हैं


और उसके गले लगते हैं होली के दिन अपने से छोटों को अभी लगाकर उसे आशीर्वाद देते हैं


होली के दिन मित्र हो या शत्रु सभी साथ मिलकर होली का त्यौहार मनाते हैं


होली के 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसमें कुछ लकड़ियां या गोठा को एक जगह पर इकट्ठा किया जाता है



और फिर उसमें होलिका की प्रतिमा को रखकर उसे जलाया जाता है


जिसे होलिका दहन कहते हैं होली के दिन बाजारों में हर दुकान पर रंग और अबीर दिखाई देता है


होली के दिन सभी लोग पुआ पकवान पकौड़ी जैसे व्यंजन खाते हैं


भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद के याद में होलिका दहन किया जाता है


होली के दूसरे दिन को धू लेडी धुलवंदन और धूल खेड़ी कहा जाता है


यह त्यौहार खुशियों और उमंगों का त्यौहार है


इस दिन लोग अपनी उम्र भूलकर होली खेलते हैं


बच्चे गुब्बारे और पिचकारी होली खेलते हैं


अमीर और गरीब सभी लोग साथ मिलकर होली खेलते हैं


इस दिन पूरे परिवार के साथ मिलकर होली का त्यौहार मनाते हैं


होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ते हैं


सबके घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं


और सब साथ मिलकर खाते हैं


होली के दिन दोस्त और रिश्तेदार को होली की बधाई देते हैं


होली के दिन सभी लोग अपने घर की साफ सफाई करते हैं


होली के दिन अपने रिश्तेदार के यहां होली मनाने जाते हैं


सर्दी की विदाई और गर्मी की शुरुआत होली से होती है


होली का त्यौहार हमें एकता स्नेहा और भाईचारा का संदेश देता है


होली के रंगों से हमारे शरीर को ताजगी प्रदान होता है


होली से हमारे शरीर में फुर्ती आती हैं


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होली मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है


यदि हम होली का त्यौहार को वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो वैज्ञानिक भी होली का त्यौहार को बड़ा महत्व देते हैं क्योंकि किस वैज्ञानिक के रिसर्च के द्वारा पता चला कि होली का त्यौहार सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है क्योंकि होली के त्यौहार से जुड़ी कई स्वास्थ्य लाभ सामने आया है



1 होली के दिन एक दूसरे को रंग लगाने से त्वचा में निखार आता है और हमारे शरीर को नई ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे हमारा शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है


2 होली के दिन उच्च स्वर में भजन कीर्तन करने से शीत ऋतु खत्म और गर्मी ऋतु आगमन के कारण हमारे शरीर में आलस पैदा हो जाता है और जब होली के दिन उच्च वर्ग में भजन-कीर्तन करते हैं तो इससे हमारे शरीर को फुर्ती मिलती है और हमारे शरीर पर मौसम बदलाव से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है


3  होलिका दहन के दिन हम अपने अंदर के सारी बुराइयों को उसी होलिका दहन की आग में जला देते हैं और हम प्रह्लाद को याद करते हुए सच्चाई पर चलने की प्रतिज्ञा लेते हैं


4 होलिका दहन की आग की गर्मी से हमारे अंदर के नकारात्मक ऊर्जा दूर होता है और हमारे शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है


5 होली मनाने से आपस में भाईचारा बढ़ता है और सदैव एक दूसरे से प्रेम करते हैं




होली पर शायरी


🌼सरसों फूली झूम के.   🌹      भंवरे गाय गान


🌹टेसू रागों में रंगे. 🌼    चले काम के वान


🌹प्राकृतिक नई दुल्हन बनी👩.   हुए रंगोली खेत


🌹भीगी मिट्टी बयार से. 🌼  उड़े पगडंडी की  रेत



🤷होली आई होली आई सबके घर में खुशियां लाइ🌹🌹


🔥गर्मी की आगमन हुई है सर्दी की अब हुई विदाई⛅



बूढ़े भी अब हुए जवान 🌹🌹 ,लाठी के सहारे खड़ा है  ,रंग लगाने को है तैयार


बुढ़िया किसी से कम नहीं है, रंग लगाए लड़का को बार-बार 🌺🌺


कहती है मैं अभी जवान हूं ,होली है रंगों का त्योहार 🌹🌹


               धरती डोला 🌎, कौन युग आसमान⛅


कौन युग में सीता हरल  खोजाते रहे हनुमान


     🌺🌺जोगीरा सा रा रा रा 🗣️🗣️



कलयुग में धरती डोला सतयुग मैं आसमान🌻🌻


त्रेता युग में सीता हरण हुई 🌼🌹  खोजत रहे हनुमान


   🌼🌼  जोगीरा सा रा रा रा🌹🌹


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


2023 में होली कब है ?


Ans - 2023 में होली  8 मार्च दिन मंगलवार को है इस साल होली का त्यौहार फाल्गुन महीने पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा होली का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन महीने मैं ही आता है लेकिन हर वर्ष तारीख अलग-अलग होती है जिसकी जानकारी हमने आपको पोस्ट के माध्यम से दिया है


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बिहार में होली कब है ?


Ans - बिहार में होली का त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार 8 मार्च को ही मनाया जाएगा होलिका दहन 7 मार्च दिन सोमवार को है दूसरे दिन 8 मार्च को होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा


उत्तर प्रदेश में होलिका दहन कब है ? 2023


उत्तर प्रदेश में होलिका दहन 7 मार्च 2023 दिन सोमवार को है सभी राज्यों का होलिका दहन की तिथि एक ही होता है


खासकर होलिका दहन हर वर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को ही किया जाता है ऐसा माना जाता है


कि इसी दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रह्लाद को आग में जल आना चाहती थी लेकिन होली का खुद ही उसी आग में जलकर मर गई होली का असुर प्रवृत्ति की होने के कारण अपने भाई के कहने पर प्रह्लाद जैसे विष्णु भक्त का अंत करना चाहती थी लेकिन प्रह्लाद सच्चाई का साथ दे रहा था प्रह्लाद असुर के घर में जन्म लेने पर भी वह हमेशा भगवान की भक्ति करता था जिस कारण से भगवान विष्णु की कृपा सदैव प्रह्लाद पर रहते थे जिस कारण से प्रह्लाद को आज भी याद किया जाता है



होली के बारे में आज आपने क्या जाना


हमने आपको बताया कि 2023 me holi kitne tarikh ko hai 2023 में होली कब है होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है इसकी पूरी जानकारी आज हमने आपको बताइए हैं जिससे आप जान गए होंगे कि 2023 में होली कब है होली हर वर्ष पूर्णिमा तिथि को ही मनाया जाता है और होली का त्यौहार हर वर्ष फाल्गुन मास में ही आता है बस होली की तारीख हमेशा बदलती रहती है

मैं आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा आप जान गए होंगे कि 2023 में होली कब है


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आज हमने आपको होली के बारे में पूरी जानकारी दी हैं अगर इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी सवाल आपके मन में हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं और हमारे द्वारा बताए गए सभी जानकारी आपको पसंद आया होगा तो इस पोस्ट को फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करें इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद 🙏🏿🙏🏿


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