रविवार, 12 जून 2022

Kis karan se holi ka tyohar manaya jata hai किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है

नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए नया टॉपिक लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे की किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है kis karan se holi ka tyohaar manaya jata hai


फाल्गुन मास में आने वाले होली का त्यौहार हम लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं


 एक दूसरे को रंग लगाते हैं की गुलाल लगाते हैं एक दूसरे के गले मिलते हैं और बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ होली का पर्व मनाते हैं

 लेकिन क्या आप जानते हैं होली का त्यौहार किस कारण से मनाया जाता है  पीछे क्या रहस्य हैं क्यों होली का त्यौहार मनाया जाता है अगर आप जानना चाहते हैं कि किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है तो इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़ें इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन अगर आप नहीं जानते हैं कि 2023 में होली कब है तो इस पोस्ट को पढ़ें

यहां पढ़ें - 2023 मे होली कब है

किस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है


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होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के खुशी में मनाया जाता है इसी दिन प्रह्लाद को जलाने वाली होलीका खुद ही अग्नि में जलकर भस्म हो गई थी


 और विष्णु भगवान की कृपा से प्रहलाद जिंदा बच गया था जिस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है  अगर आप पूरा विवरण जाना चाहते हैं

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 तो इसके पीछे की कहानी को समझना होगा यह उस समय की बात है जब देवता और असुरों में लगातार संग्राम हो रहा था लेकिन हर बार असुरों का ही हार हो रहा था हर युद्ध में असुर पराजित हो जाते थे

  हिरण्यकश्यप जब असुरों के राजा बने तब असुरों के गुरु शुक्राचार्य ने उसे तपस्या करके ब्रह्मा जी से अमृत का वरदान प्राप्त करने को कहा हिरणकश्यप गुरु की बात मानकर कठोर तप किए और ब्रह्मा जी को अमृत का वरदान देने को कहा की है ब्रह्मदेव हमें ऐसा वरदान दीजिए कि मैं अमर हो जाऊं तब ब्रह्मा जी ने कहा कि मैं तुम्हें अमर होने का वरदान नहीं दे सकता हूं


 मैं तुम्हारे तपस्या से प्रसन्न हूं इसलिए तुम कुछ और वरदान मांग सकते हो तब हिरणकश्यप ने कहा हमें ऐसा वरदान दो कि कोई भी देवता गंधर्व या मानव हमें ना मार सके हमें ना कोई दिन में मार सके ना रात में ना किसी अस्त्र से मर सके


 और ना किसी शस्त्र से ना घर के बाहर मार सके ना हीं घर के अंदर हमें ना कोई आकाश में मार सके और ना पताल में ब्रह्मा जी तथास्तु करके उसे वरदान दे दिए जिससे वह अति शक्तिशाली हो गया और तीनो लॉक पर अपना कब्जा करने लगे और अपने आप को भगवान समझने लगे और किसी भी भगवान की पूजा करने पर उसे दंडित किया जाता था


 वह अपने आप को ही भगवान मानता था और सभी से अपना ही पूजा करवाता था उसका एक पुत्र प्रहलाद था जो भगवान विष्णु के बड़े भक्त थे और पूरा दिन भगवान विष्णु का जाप करते थे


 हिना कश्यप अपने पुत्र को बहुत समझाने का प्रयास किया लेकिन जब नहीं माना तो जिस कारण से उसके पिता हिरनाकश्यप अपने पुत्र का वध करना चाहते थे

 और अपने पुत्र को मारने का अनेकों प्रयास किया उसे पहाड़ी से गिराया गया हाथी के पैरों तले कुचला गया कढ़ाई में  उवलती हुई तेल में डाल दिया गया

 लेकिन वह फिर भी नहीं मरा भगवान विष्णु की कृपा से हर बार बच जाता था हिना कश्यप प्रह्लाद को मारने का बहुत कोशिश किया लेकिन हर बार प्रह्लाद बच जाता था हिना कश्यप को समझ में नहीं आ रहा था कि प्रह्लाद को कैसे मारा जाए तब उसके दिमाग में एक युक्ति आई कि यदि प्रह्लाद को होलिका के साथ जला दिया जाए तो प्रह्लाद मर जाएगा होलिका को वरदान मिलने के कारण उसे अग्नि जला नहीं सकती हैं

 जिस कारण से हिरनाकश्यप अपनी बहन होलिका को बुलाए हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि आग उसे नहीं जला सकती उन्होंने भी अग्नि देव की तपस्या की और उससे एक चादर प्राप्त किए जिसे ओढ़ कर अग्नि में प्रवेश करने के बाद आग में वह नहीं जलती थी

 लेकिन अग्निदेव उसे चादर देते समय एक चेतावनी भी दी थी कि यदि तुम इसका दुरुपयोग करोगे तो यही वरदान श्राप में बदल जाएगा 

लेकिन होलीका राक्षसी प्रवृत्ति होने के कारण अग्नि देव का बात का सिमरन ना रखा और अपने भाई के कहने पर प्रहलाद को अपने गोद में बिठाकर लकड़ी की चिता पर बैठ गए और उसमें आग लगा दिया तब प्रह्लाद ने भगवान विष्णु का स्मरण किया जिससे वरदान स्वरूपी चादर प्रह्लाद के पास आ गए और होलिका उसी में जलकर भस्म हो गई जिस कारण से होली का त्यौहार मनाया जाता है


होली मनाने का दूसरा कारण


होली से जुड़ी एक और कथा जो भगवान श्री कृष्ण और कंस से संबंधित है कंस को आकाशवाणी द्वारा जब पता चला कि वासुदेव और उसकी बहन देवकी के आठवें पुत्र उसका मृत्यु का कारण बनेगा और उसका बध करेगा 

इतना सुनते ही कंस ने अपने बहनोई और अपनी बहन देवकी को कारागार में डाल दिए और उसके द्वारा जन्मे हुए छह पुत्रों को मार डाला सातवें पुत्र शेषनाग के अवतार बलराम थे जो कि माता रोहिणी के गर्भ से जन्म लिया वासुदेव और देवकी जानते थे कि अगर यह देवकी के गर्भ से जन्म लेगा तो कंस उसे भी मार डालेगा इसलिए उसे वासुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी के गर्भ में स्थानरिक्त कर दिया जिस कारण से बलराम का जन्म रोहिणी के गर्भ से हुआ

 वासुदेव और देवकी का आठवां पुत्र भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ लेकिन कंस की भय से वासुदेव गोकुल जाकर अपने मित्र नंद की पुत्री जिसका जन्म उसी दिन हुआ था अपने पुत्र को वहां छोड़कर नंद की पुत्री को ले आए कंस जब देखा कि देवकी ने पुत्री का जन्म दिया है तो वह उसे भी मारना चाहा लेकिन जैसे उसे मारने के लिए ऊपर उठाया वह आकाश में उड़ गई 

और उसी समय आकाशवाणी हुए कि कंस को मारने वाले ने तो जन्म ले लिया है यह सुनकर कंस ने गोकुल में जन्मे सभी बच्चे को मारने के लिए पूतना को भेज दिया पूतना सुंदर नारी का रूप धारण करके सभी बच्चे को विश् का स्तनपान कराने गई लेकिन श्री कृष्ण के हाथों राक्षसी पूतना का वध हुआ यह फाल्गुन पूर्णिमा का दिन था जिस दिन हम होली मनाते हैं अतः बुराई की अंत की खुशी में होली का पर्व मनाया जाता है

होली मनाने का वैज्ञानिक कारण

होली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है होली का त्योहार वसंत ऋतु के स्वागत का त्योहार माना जाता है भारत के कुछ हिस्सों में होली का त्यौहार फसल अच्छी फसल तैयार होना और पकने की खुशी में मनाया जाता है होली पर्व को बसंत महोत्सव या काम महोत्सव भी कहते हैं होली का त्यौहार पर्यावरण से लेकर हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही लाभदायक होता है

 फाल्गुन मास में जाड़े खत्म होने के बाद गर्मी की शुरुआत होती है जिस कारण से हमारे शरीर में थकान महसूस होने लगता है जो पूर्ण रूप से सबभाविक है शरीर को इसी सुस्ती को दूर भगाने के लिए लोग फागुन में होली खेलते हैं और जोर शोर से नगाड़े बजाकर होली के गीत भी गाए जाते हैं होली के द्वारा गाए गए गीतों मैं से ध्वनि उत्पन्न होती है

 और पूरे जोश और जोर से गाने से मानव के शरीर में नई ऊर्जा प्रदान करते हैं और जब हमारे शरीर में रंग डाला जाता है तो उसका भी सकारात्मक प्रभाव होता है शरीर पर रंग और गुलाल डालने से यह शरीर को सुकून और ताजगी प्रदान करता है जीव वैज्ञानिक के अनुसार रंग और गुलाल शरीर के त्वचा को ऊर्जा प्रदान करता है और हमारे शरीर के आयन मंडल को मजबूती प्रदान करता है

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 हमारा शरीर अनेकों रंगों को मिलाकर बना है और आधुनिक लाइफ स्टाइल के कारण हमारे शरीर में कई तरह के रंगों की कमी हो जाती है और होली एक ऐसा त्यौहार है जो हमारे शरीर में रंगों की कमियों को दूर करता है होली मनाने का एक और कारण यह भी है

 कि शरद ऋतु की समाप्ति और वसंत ऋतु के आगमन के कारण हमारे शरीर में बैक्टीरिया की वृद्धि कर देता है लेकिन जब होलिका जलाई जाती है उससे 145 डिग्री तक तापमान बढ़ जाता है जिस कारण से हमारे आसपास और पर्यावरण में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाती है और पर्यावरण को स्वच्छ कर देता है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

होली कब मनाई जाती है ?

Ans - फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है हर वर्ष फाल्गुन मास में है होली का त्यौहार मनाया जाता है फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग बरसे होली का त्यौहार मनाते हैं


होलिका कौन थी ?

Ans - होलीका हिरण्यकश्यप की बहन प्रह्लाद का फुआ और ऋषि कश्यप की पुत्री थी

होलिका दहन कब किया जाता है ?

Ans - होली के पहले दिन पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है इस दिन लकड़ी को इकट्ठा करके उसमें आग लगा दिया जाता है जिसे होलिका दहन कहते हैं

होली कैसे मनाए ?




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Ans - होली के दिन सुबह में धूल और मिट्टी से होली खेला जाता है उसके बाद स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर एक दूसरे को अबीर लगाकर एक दूसरे के गले मिलते हैं और फिर रंग और पिचकारी से होली का कार्यक्रम आरंभ करते हैं संगीत और नाच के कार्यक्रम के साथ होली पर्व मनाया जाता है


होली का क्या महत्व है?


Ans - बुराई चाहे कितनी शक्तिशाली क्यों ना हो हमेशा अच्छाई और सच्चाई की जीत होती है इसलिए होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है

होली से हमें क्या सीख मिलती है ?

Ans -अपनी बुरी भावना को त्याग कर अपने तन और मन को स्वस्थ करने का सीख मिलता है होली के माध्यम से हमें यह पता चलता है कि हमें बुरा काम नहीं करना चाहिए क्योंकि बुराई की सदैव हार होती है एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए


आज आपने क्या सीखा


हमने आपको बताया कि kis karan se holi ka tyohaar manaya jata hai होली मनाने के पीछे का कारण और क्यों मनाया जाता है पूरी जानकारी हमने आपको बताया है हमने आपको बताया है कि होली किस कारण से मनाया जाता है होली पर्व मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है होली पर्व क्यों मनाया जाता है होली के बारे में पूरी जानकारी दी है 

मुझे आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा आपको होली के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं

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