Labour pain in Hindi प्रसव पीड़ा के लक्षण और उपचार प्रसव पीड़ा क्या है आज के पोस्ट में जानेंगे कि लेबर पेन क्या होता है प्रसव पीड़ा के लक्षण क्या है
और प्रसव पीड़ा के घरेलू उपचार के बारे में बताएंगे मां बनना हर विवाहित स्त्री की ख्वाहिश होती है लेकिन मां बनने के लिए एक स्त्री को काफी तेज दर्द से होकर गुजरना पड़ता है
पहले महीने से ही प्रेगनेंसी के शुरुआत हो जाती है और 9 महीने के बाद प्रेग्नेंट महिला अपने बच्चे को जन्म देती है लेकिन जो स्त्री पहली बार अपने बच्चे को जन्म देती है उसे प्रेगनेंसी के बारे में कुछ पता नहीं होता है labour pain in Hindi जिस कारण से वह प्रसव पीड़ा क्या होता है
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प्रसव पीड़ा के लक्षण क्या है प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है प्रसव पीड़ा कम करने के उपाय क्या है प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए इन सारी बातों से अनजान रहती है इसलिए आज हम आपको प्रेगनेंसी के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं कृपया इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें सबसे पहले हम जानते हैं कि प्रसव पीड़ा क्या होता है
प्रसव पीड़ा क्या होता है what is labour pain in Hindi
जब भी कोई प्रेगनेंसी महिला अपने शिशु को जन्म देती है तो शिशु को जन्म देने के लिए 9 महीने तक अपने शिशु को गर्भ में धारण करके रखती है और जब शिशु के जन्म देने का समय आ जाता है तो उसे शिशु को जन्म देने के लिए काफी तेज दर्द से होकर गुजारना पड़ता है और शिशु को जन्म देने वक्त जो दर्द होता है उसे प्रसव पीड़ा कहते हैं labour pain in hindi प्रसव पीड़ा से 30 हफ्ते के बाद कभी भी शुरू हो सकती है
क्योंकि प्रसव पीड़ा ही आपको बच्चे की जन्म देने की संकेत बताती है जिससे आपको पता चलता है कि बच्चे का जन्म देने का समय हो गया है लेकिन जो महिला पहली बार मां बनती है उसे प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है उसे पता ही नहीं चलता क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान हल्का फुल्का दर्द हमेशा होते रहता है तो आइए आप जानेंगे कि प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है
प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है - prasav pida kab shuru hota hai
डॉक्टर के कहने के अनुसार 37वें में सबसे के बाद और 40वें में सबसे के बीच कभी भी प्रसव पीड़ा ( labour pain ) शुरू हो सकता है जिससे पता चलता है कि डिलीवरी का समय आ गया है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है और अक्सर 37वें के बाद गर्भवती महिला अपने शिशु को जन्म देती है अक्सर नॉर्मल डिलीवरी होती है लेकिन कई बार किसी कारण से 40 वें सप्ताह के बाद डिलीवरी नहीं होती है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
और डॉक्टर अपने अनुसार से डिलीवरी करवाती है लेकिन जो महिला पहली बार मां बनती है उसे प्रसव पीड़ा के लक्षण के बारे में पता नहीं होता है तो आइए अब जानेंगे की प्रेगनेंसी के लक्षण क्या है
प्रसव पीड़ा के लक्षण -prasav pida ke lakshan -labour pain in hindi
पहली बार जो महिला मां बनती है उसे पता नहीं होता है कि प्रसव पीड़ा के लक्षण क्या होते हैं labour pain in hindi और अगर शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द होता है या कोई परेशानी आती है तो वह परेशान हो जाते हैं क्योंकि उसे प्रसव पीड़ा के लक्षण के बारे में पता नहीं रहता है कि प्रसव पीड़ा के लक्षण क्या होते हैं और प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है तो आइए अब हम जानेंगे कि प्रसव पीड़ा के लक्षण क्या है
लेबर पेन शुरू होना - labour pain shuru hona
लेबर पेन शुरू होना डिलीवरी होने का संकेत होता है प्रेगनेंसी के आखिरी सप्ताह में अगर आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द होना शुरू हो रहा है रहा है और यह काफी तेज हो रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि प्रसव का समय आ गया है और आपको लेबर पेन होना शुरू हो गया है और आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
बार-बार पेशाब आना - bar bar pesav aana
प्रेगनेंसी के आखिरी सप्ताह में यदि आपको बार-बार पेशाब आ रहा है तो यह प्रसव पीड़ा के लक्षण हो सकते हैं क्योंकि जब शिशु का सिर योनि की ओर आने लगता है तो पेशाब करने की इच्छा बढ़ने लगती है और आपको बार-बार पेशाब करने के लिए जाना पड़ता है जब शिशु नीचे आ जाते हैं तो मूत्राशय पर भार पड़ता है जिस कारण से प्रेग्नेंट महिला को पेशाब करने की तीव्र इच्छा होने लगती है तो इस समय आपको समझ जाना चाहिए की डिलीवरी के समय नजदीक आ गया है और आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए
शरीर में आलस और कमजोरी महसूस होना sarir me aalas aur kamjori mahsus hona
जब प्रसव पीड़ा का समय नजदीक आ जाता है तो आपके शरीर में आलस और कमजोरी महसूस होने लगती है labour pain in Hindi तो आपको समझ जाना चाहिए कि डिलीवरी का समय नजदीक आ गया है और आप किसी भी समय बच्चे को जन्म दे सकती हैं जब आपके शरीर में आलस और कमजोरी महसूस होने लगेगा तो आपको दिन में भी नींद आना शुरू हो जाएगा लेकिन इस समय आपके शरीर के हार्मोन में बदलाव होता है
जिस कारण से आपके शरीर के अंदर कुछ ना कुछ परेशानी आती रहेगी जब आपको इस प्रकार का संकेत मिले तो आप समझ जाना कि यह प्रसव पीड़ा के लक्षण है और कभी भी आपको लेबर पेन शुरू हो सकता है
पेट से संबंधित समस्याएं शुरू होना - pet se sambandhit samasya shuru hona
प्रेगनेंसी के आखिरी सप्ताह में जब आपको पेट से संबंधित समस्याएं होने लगती है तो यह प्रसव पीड़ा के लक्षण होते हैं पेट में हल्का फुल्का दर्द होना पेट में कब्ज बनना पेट खराब होना पेट के निचले हिस्से में दर्द होना जैसे पेट से जुड़ी समस्या जब शुरू हो जाती है तो आपको समझ जाना चाहिए कि यह प्रसव पीड़ा के लक्षण है और आपको कभी भी लेबर पेन शुरू हो सकती हैं labour pain in Hindi
संकुचन की गति में तेजी आना - sankuchan ki gati me teji aana
प्रेगनेंसी के दौरान जब आपकी संकुचन की गति में तेजी आने लगती है संकुचन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है तो यह प्रसव पीड़ा के लक्षण होते हैं इसके साथ ही जब डिलीवरी के समय नजदीक आती है
तब आपके मांस पेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है आपके मांसपेशियों के खिंचाव शुरू होने लगती है तो आपको समझ जाना चाहिए कि यह सब प्रसव पीड़ा शुरू होने के लक्षण हैं और आपको कभी भी labour pain in Hindi लेबर पेन शुरू हो सकती है
कमर और पीठ में तेज दर्द होना - kamar aur pith me tej dard hona
जब शिशु का सिर नीचे की ओर आ जाता है तो कमर में दर्द होना शुरू हो जाता है शिशु की सिर नीचे आने की वजह से प्रेग्नेंट महिला के रीढ़ की हड्डी ताले में स्थित छोटी हड्डी पर दबाव पड़ने लगता है जिस कारण से प्रेग्नेंट महिला के पीठ में तेजी से दर्द होना शुरू हो जाता है जब आपको इस तरह महसूस हो तो आपको समझ जाना चाहिए यह सब प्रेगनेंसी के लक्षण है
पानी की थैली को फटना - pani ki theli ko fatna
प्रेग्नेंसी के समय शिशु एमनीओटिक फ्लूइड की थैली के अंदर होता है जो शिशु को सुरक्षित रखता है लेकिन जब डिलीवरी के समय आ जाता है तब यह थैली फट जाती है और प्रेगनेंसी महिला के योनि से बेरंग दिखने वाला पानी में बाहर आने लगता है और लेबर पेन भी शुरू हो जाता है और यह सब प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं जब आपके साथ में ऐसा हो तो आपको समझ जाना चाहिए कि प्रेगनेंसी का समय हो चुका है और आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
प्रसव पीड़ा के उपाय - prasav pida ke upay -prasav pida ke ilaj - labour pain in hindi
एक बच्चे को जन्म देने के लिए महिला को असहनीय पीड़ा सहन करना पड़ता है बच्चे को जन्म देना हर महिला की ख्वाहिश होती है क्योंकि जब तक कोई भी महिला मां नहीं बन जाती उसे संपूर्ण नारी नहीं माना जाता है इसलिए हर महिला बच्चे को जन्म देना चाहती है लेकिन बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में उसी बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ता है और अत्यधिक पीड़ा से होकर गुजरना पड़ता है क्योंकि जब कोई भी महिला प्रेगनेंट होती है तो प्रेगनेंसी के आखिरी सप्ताह में उसे labour pain in Hindi लेबर पेन आना शुरू हो जाता है और इसी दौरान वह अपने बच्चे को जन्म देती है बिना प्रसव पीड़ा के किसी भी बच्चे को जन्म देना मुमकिन नहीं है
लेकिन आप उस पीड़ा को काफी हद तक कम कर सकते हैं अगर कोई महिला प्रसव पीड़ा को कम करना चाहती है जिससे बच्चे को जन्म देते समय किसी भी तरह की परेशानी ना हो तो हम आपको प्रसव पीड़ा के समय प्रसव पीड़ा को काफी हद तक कम करने के लिए कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं जिसे ध्यान से पढ़ें
टहलते रहे - tahlte rahe
जब शिशु की डिलीवरी के समय नजदीक आ जाती है तो आपको टहलते रहना चाहिए और डॉक्टर भी प्रेग्नेंसी के समय टहलते रहने का सलाह देते हैं आजकल बहुत सी महिला है जो प्रेग्नेंसी के समय बेड रेस्ट ज्यादा करती है लेकिन प्रेग्नेंसी के समय टहलना आवश्यक होता है इस दौरान जितना हो सके घूमते फिरते रहा जिससे डिलीवरी जल्दी होती है और होम डिलीवरी के चांसेस अधिक बढ़ जाती है
गाजर के काढ़ा का सेवन करें - gajar ke kadha ka sevan kare
लेबर पेन कम करने के लिए आप गाजर के काढ़े का सेवन कर सकते हैं यह डिलीवरी के समय बहुत फायदा करता है इसके लिए आप गाजर के पत्तियां और बीज के काढ़ा बनाकर पी सकते हैं प्रसव के समय पीड़ा में राहत दिलाती है इसको सेवन करने से पहले डॉक्टर की परामर्श ले और डॉक्टर के परामर्श लेने के बाद आप गाजर के काले का सेवन कर सकते हैं
तुलसी के पत्तों का सेवन - tulsi ke pate ka sevan kare
आप जानते होंगे कि तुलसी के पत्तों में बहुत सारे औषधि गुण पाए जाते हैं इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान भी तुलसी के पत्तों के रस का सेवन किया जाता है और प्रसव पीड़ा को कम करने के लिए भी तुलसी के पत्ते का रस का सेवन करना चाहिए labour pain in hindi इसके लिए आप तुलसी के पत्ते का रस निकाल लें और रोजाना दिन में एक चम्मच करके दो तीन बार सेवन करें इससे आपको लेबर पेन कम करने में काफी आराम मिलेगा
अरंडी के तेल का उपयोग करें - aarandi ke tel ka upyog kare
अरंडी के तेल को मालिश करने से प्रसव पीड़ा में राहत मिलती है प्रसव पीड़ा labour pain in hindi को कम करने के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करते हैं ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के समय की नाभि पर अरंडी के तेल लगाने से डिलीवरी जल्दी हो जाती है प्रसव के दौरान अरंडी के तेल मालिश करने से प्रेग्नेंट महिला को काफी आराम मिलता है क्योंकि इस समय एक हार्मोन रिलीज होता है इस महिला को अच्छा फील होता है और उसे लेबर पेन से काफी राहत मिलती है और इसके साथ ही तनाव भी दूर होती है
प्रसव के दौरान सही मुद्रा में होना prasav ke dauran sahi mudra me hona
जब प्रसव के समय समीप आ जाता है तो आपको सही मुद्रा में होना चाहिए क्योंकि पीठ के बल सोने से ब्लड सरकुलेशन धीमी हो जाती है जिससे प्रेग्नेंट महिला को शिशु को जन्म देने में काफी समय लगता है और लेबर पर भी अधिक होता है इसलिए प्रसव के दौरान सही मुद्रा यानी सही पोजीशन में होना चाहिए जिससे डिलीवरी सही समय पर हो जाती है
टिकट का इस्तेमाल करें - ticket ka istemal kare
जब डिलीवरी के समय नदी का आज जाती है और लेबर पेन होना शुरू हो जाता है लेकिन बच्चे को जन्म देने में काफी परेशानी हो जाती है labour pain होने के बाद भी शिशु का जन्म नहीं होता है तो आप ट्रेन का टिकट को पानी में घोलकर उस पानी को प्रेग्नेंट महिला को पिला दे लोगों का मानना है कि ऐसा करने से डिलीवरी जल्दी होती है और पहले जमाने में होम डिलीवरी के समय जल्दी डिलीवरी नहीं होने के कारण ऐसे नुस्खे को उपयोग में लाते थे
अधिक से अधिक पानी पिए - adhik se adhik pani piye
प्रेग्नेंसी के समय भी डॉक्टर अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से पेगनेंट महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए प्रेग्नेंट के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए इसलिए इस दौरान पानी का सेवन जरूर करें जिससे आपको शिशु को जन्म देने में काफी हेल्प मिलेगा
Faq labour pain in hindi
Q प्रसव पीड़ा के लक्षण कैसे पता करें?
Ans बार-बार पेशाब आना कमर में दर्द होना पानी की थैली पटना यह सब प्रसव पीड़ा के लक्षण होते हैं
Q प्रसव पीड़ा में कितना दर्द होता है ?
प्रसव पीड़ा में असहनीय दर्द होता है शिशु को जन्म देते समय महिला को दर्द मारने वाली इकाई के अनुसार 57 डेल तक का दर्द होता है जो एक पुरुष इतने दर्द का सहन नहीं कर सकते हैं क्योंकि पुरुषों में दर्द सहने की क्षमता 45 डेल तक होता है
Q नौवां महीना पूरा होने के कितने दिनों के बाद डिलीवरी होती है
Ans नौवां महीना लगने के बाद आप की डिलीवरी होने का समय आ जाता है आखरी मासिक धर्म के पहले दिन से गणना करने पर 280 दिन के बाद डिलीवरी के समय का अनुमान लगाया जाता है यानी कि नौवां महीना पूरा हो और 7 दिन जोड़कर डिलीवरी का समय का पता लगाते हैं
निष्कर्ष
आज हमने आपको labour pain in hindi प्रसव पीड़ा के लक्षण और उपाचार के बारे में बताया है जिससे आप प्रसव पीड़ा के लक्षण को जान सकते हैं और प्रसव के समय प्रसव पीड़ा को भी कम कर सकते हैं शिशु को जन्म देने के लिए प्रसव पीड़ा होना स्वभाविक है बिना प्रसव पीड़ा के कोई भी महिला शिशु को जन्म नहीं दे सकती है इसलिए प्रेग्नेंसी के समय प्रसव पीड़ा होना अनिवार्य है
पोस्टमैन हमने आपको प्रसव पीड़ा कम करने का कुछ उपाय बताएं जिसे उपयोग में लाने से पहले डॉक्टर की परामर्श जरूर है क्योंकि डॉक्टर से बढ़िया सुझाव कोई नहीं दे सकता है और प्रेगनेंसी के दौरान तो आपको पूरी तरह से सावधान रहना चाहिए क्योंकि डॉक्टर से बढ़िया कोई भी आपको सुझाव नहीं दे सकता है
डॉक्टर आपके प्रेगनेंसी के समय की अवधि और आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आपको सुझाव देंगे किसी अन्य के द्वारा बताए गए कोई भी टिप्स या तरीके को उपयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले
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