आज के लेख में हम जानेंगे कि why baby cry after birth जन्म के बाद बच्चे क्यों रोता है जन्म लेने के बाद बच्चा क्यों रोता है
जगजीत मृत्युलोक में जन्म लेता है उस समय उसकी स्मृति शून्य होती है वह ना तो किसी चीज को जानता है और ना ही किसी को पहचानता है बच्चा मां के गर्भ से निकलकर जैसे ही बाहर आता है तुरंत ही रोना शुरू कर देता है ऐसा तकलीफ के कारण करता है या कोई और कारण भी है जिसे हम समझ नहीं पाते क्या आपने भी कभी सोचा है
कि आखिर बच्चा जन्म लेने के तुरंत बाद रोता क्यों है (why baby cry after birth) इसके पीछे का सही कारण क्या है हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे एक पौराणिक कथा की मान्यता है जिसका विवरण विष्णु पुराण में मिलता है इस्लाम में भी बच्चे रोने के अपने अलग कारण बताए गए हैं लेकिन सच्चाई क्या है
यह एक ऐसा सवाल है जिसका सही उत्तर हम सब जानना चाहते हैं शिशु के जन्म लेने के कारण को विज्ञान और आवश्यक प्रक्रिया मानता है तो दोस्तों इस पोस्ट में सबसे पहले janm ke baad bache kyo rota hai और इसका क्या कारण है बच्चे के रोने को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण समझते हैं हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित पौराणिक कथा को जानेंगे जिसका उल्लेख विष्णु पुराण में मिलता है
जन्म के बाद बच्चा क्यों रोता है? Why baby cry after birth
सबसे पहले हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझेंगे की विज्ञान के अनुसार जन्म के बाद बच्चा क्यों रोता है दोस्तों नए जीवन की प्रक्रिया पुरुष और स्त्री के समागम के साथ शुरू होती है जिसके फलस्वरूप शिशु के रूप में स्त्री के गर्भ में स्थान मिलता है बच्चा माता के गर्भ जीवित तो रहता है लेकिन सांस नहीं लेता जब तक बच्चा मां के गर्भ में रहता है।
तब तक वह सांसारिक दुनिया से अनजान होता है होता है परंतु उसके शरीर खाना पीना करनाल से प्राप्त होता रहता है बच्चे के फेफड़े तो बन जाते हैं लेकिन वह प्रयोग में नहीं रहते बच्चा मां के गर्भ में पतली झिल्ली के अंदर बंद होता है।
जिसमें तरल पदार्थ भरा होता है इस तरल पदार्थ को वैज्ञानिक भाषा में mu-x लूट बोलते हैं यही तरल पदार्थ बच्चे के मुंह और फेफड़ों तक में पहुंच जाता है लेकिन जब तक बच्चा मां के गर्भ में रहता है तब तक इस तरल पदार्थ से बच्चे को कोई कष्ट नहीं होता।
बल्कि इसी तरल पदार्थ की वजह से वह मां के गर्भ में सुरक्षित रहता है और प्रसव प्रक्रिया मां और बच्चे दोनों के लिए कष्टदायक होती है बच्चा बहुत सकरे मार्ग से निकलकर दुनिया में आता है बच्चा मां के गर्भ से बाहर निकल कर इस संसार में आता है।
जिस क्षण बच्चा अपने मां के गर्भ से बाहर निकल कर इस संसार में आता है उसके आसपास का परिवेश बदल जाता है अब शिशु को जीवित रहने के लिए स्वास की जरूरत होती है लेकिन फेफड़ों में वही तरल पदार्थ पहले से ही भरा होता है।
जिसे बाहर निकालना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए फेफड़े और नाक में तरल पदार्थ भरे होने के कारण बच्चे सांस नहीं ले पाते हैं जिस कारण से बच्चा जोर-जोर से रोता है इसीलिए डॉक्टर बच्चे की डिलीवरी होते ही गर्भनाल को काट देते हैं।
और बच्चे को उल्टा करके उसके मुंह से इसी तरह पदार्थ को बाहर निकालते हैं ऐसी स्थिति में बच्चा प्रथम बार रोता है रोने की प्रक्रिया के दौरान बच्चा एक गहरी सांस लेता है जिससे हवा फेफड़ों के अंदर प्रवेश करती है।
और फेफड़े में भरा तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है इसलिए बच्चे का प्रथम बार रोना बच्चे के स्वस्थ होने का संकेत होता है अगर बच्चा स्वयं से नहीं रोता तो डॉक्टर बच्चे की पीठ पर हाथ से थपकी लगाकर उसे रुलाने का प्रयास करते हैं जिससे फेफड़ों में हवा जा सके और तरल पदार्थ बाहर आ सके।
बच्चे के दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है बच्चों की फेफड़े से तरल पदार्थ नहीं निकल पाता उनके फेफड़े में पर्याप्त हवा नहीं पहुंच पाती है ऐसा होना बच्चे के जीवन के लिए खतरा होता है और दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण उन्हें किसी प्रकार की मानसिक बीमारी भी हो सकती है तो दोस्तों यह बातें थी विज्ञान की अब हम आपको डॉक्टर की राय बताने जा रहे है।
चिकित्सा के अनुसार जन्म लेने के बाद बच्चा क्यों रोता है
अगर बच्चे के जन्म के बाद बच्चे रोने का उत्तर चिकित्सीय दृष्टिकोण से देखा जाए की जन्म के बाद बच्चा क्यों रोता है नवजात शिशु जन्म से पूर्व अपने मां के गर्भ में गर्भनाल के माध्यम से सांस लेता है लेकिन जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो उसे खुद से सांस लेना पड़ता है जन्म लेते ही बच्चे का गर्भनाल काट दिया जाता है
जिसे नाडी कहा जाता है जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो उसके तुरंत बाद गर्भनाल को काटकर बच्चे से अलग कर दिया जाता है और जब शिशु पहली बार सांस लेता है तो वह अपने नाक और मुंह में जमे तरल पदार्थ को बाहर करता है लेकिन इसके पीछे एक रहस्य है कि जब शिशु मां के गर्भ में होता है तो वह सांस नहीं लेता है
शिशु मां के गर्भ के अंदर यिमुनीटीक सेट नमक एक थैली में बंद रहता है और उस थैली में यिमुनीटीक द्रव भरा होता है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय शिशु के फेफड़ों में भी हवा नहीं होता है उसमें भी यिमुनीटीक द्रव भरा होता है
उस वक्त बच्चे को सारा पोषण उसके मां के गर्भ नाल के द्वारा प्राप्त होता है लेकिन जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो जन्म होते ही गर्भनाल काट दिया जाता है
और बच्चे के अंदर से युमिनिटिक द्रव निकालने के लिए बच्चे को उल्टा लटकाया जाता है युमिनिटिक द्रव बाहर निकलते ही बच्चे सांस लेना शुरू कर देते हैं क्योंकि बच्चे की सांस का मार्ग खुल जाता है और इसी प्रक्रिया में बच्चे जोर जोर से रोने लगता है
धर्म ग्रंथ के अनुसार जन्म लेने के बाद बच्चा क्यों रोता है
बच्चे को रोने के पीछे धर्म ग्रंथों में क्या लिखा है पैदा होते बच्चे के रोने को लेकर धर्म ग्रंथों में क्या लिखा है प्रथम बार रोता है तो उसके रोने का स्वर कुछ इस प्रकार सुनाई देता है जैसे वह पूछ रहा हो कहां हूं मैं कहां हूं विष्णु पुराण के मुताबिक जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे
उन्होंने स्वयं जैसा पुत्र पैदा करने का विचार किया तो उनकी माया से गोद में एक मायावी बालक प्रकट हुआ यह बालक रोते हुए ब्रह्मा जी की गोद में उथल-पुथल करने लगा जब ब्रह्मा जी ने उस बालक से इसकी वजह पूछी उस बालक ने प्रश्न किया मैं कौन हूं मैं कहां हूं मेरा क्या नाम है इस पर ब्रह्मा जी कहते हैं
कि पैदा होते ही तुमने रोना शुरू कर दिया इसलिए मैं आज से तुम्हारा नाम रूद्र रखता हूं मान्यता है इस बच्चे के जन्म लेने से पहले किसी बच्चे ने रोना शुरू नहीं किया था ऐसी मान्यता है
तभी से आज से तुम्हारा नाम रखता हूं ऐसी मान्यता है कि बच्चे के जन्म से पहले किसी बच्चे ने रोना शुरू नहीं किया था ऐसी पौराणिक मान्यता है कि तभी से जन्म के बाद बाकी बच्चों में भी रोने का नियम बन गया है और तभी से जन्म लेने के बाद बच्चा रोना शुरू कर दिया
इस्लाम धर्म के अनुसार जन्म लेने के बाद बच्चा क्यों रोता है
जबकि इस्लाम धर्म में यह मान्यता है कि बच्चे के जन्म लेते ही शैतान उसके पास आता है शैतान के आते ही बच्चा जोर जोर से रोने लगता है इसीलिए ऐसी मान्यता है कि जब बच्चे की पैदाइश हो जाए तो फौरन उसके दाएं कान में अजान और बाएं कान में इमामत पढ़नी चाहिए ताकि बचा शैतान के डर से महफूज अल्लाह की पनाह में रहे और पैदा होते ही अपने परवरदिगार का नाम सुन ले और बच्चा रोना बंद कर दे
FAQS janm lene ke baad bache kyo rota hai
जन्म के बाद बच्चे क्यों रोता है इसका वैज्ञानिक कारण, चिकित्सक कारण , धर्म ग्रंथ और इस्लाम धर्म के बारे में आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी ऊपर लेख में हमने जन्म के बच्चे को रोने को लेकर विस्तार से बताया है | लेकिन फिर भी आपके मन में कुछ ना कुछ प्रश्न रह गया होगा इसलिए अब हम आपको जन्म के बाद बच्चे क्यों रोता है जन्म लेने के बाद बच्चे क्यों रोता है जन्म लेने के बाद बच्चे को क्यों रोना चाहिए इससे जुड़ी सभी प्रश्नों का उत्तर आपको मिलने वाला है जो नीचे निम्नलिखित बताए गए हैं
जन्म के बाद बच्चे को क्यों रोना चाहिए?
जन्म लेने के बाद बच्चे को रोना बहुत जरूरी है अगर कोई बच्चा जन्म लेने के बाद नही रोता है तो उस बच्चे को अस्वस्थ समझा जाता है क्योंकि ऐसे बच्चे शारीरिक रूप से बीमार होता है क्योंकि जब बच्चा मां के गर्भ में होता है और एक थैली में बंद रहता है और पूरा थैली यूमिनिटिक द्रव से भरा रहता है और मां के गर्भ नाल से सारा पोषण मिलता है और जब बचे का जन्म हो जाता है तो बच्चा यूमिनिटिक थैली से बाहर आ जाता है और उसके गर्भ नाल भी काट दिए जाते है और बच्चे के मुंह और फेफड़े के अंदर जो यूमिनिटिक दर्व रहता है बच्चे के रोने से बाहर आ जाता है और गर्भ जब जन्म लेने के बाद बचा रोना शुरू कर देता है
शिशु को कितने देर तक रोना चाहिए?
शिशु को रोना स्वस्थ होने का संकेत होता है एक स्वस्थ शिशु को 1 दिन में 1 से 2 घंटे तक रोना चाहिए 1 दिन में पूरे 24 घंटे होते हैं इन 24 घंटों में अगर शिशु कम से कम 1 घंटे भी रोता है तो आपके शिशु स्वस्थ है लेकिन आजकल बहुत से लोग शिशु को रोने से परेशान हो जाते हैं और उसे बार-बार चुप कराने का प्रयास करते रहते हैं लेकिन यदि बच्चा रोता है ऐसा माना जाता है कि आपकी बच्चे स्वस्थ है हां लेकिन यदि आपका शिशु पूरे दिन में 2 घंटे से अधिक रोता है तो आपको विशेषज्ञ को जरूर दिखाना चाहिए
डिलीवरी होने के बाद बच्चे को रोने में कितना समय लगता है?
डिलीवरी होने के बाद कुछ सेकेंड के अंदर ही बच्चे रोना शुरू कर देते हैं| जैसे ही बच्चे मां के गर्भ से बाहर आते हैं तो बाहर आते ही सांस लेने लगते हैं और सांस लेने के बाद तुरंत रोना शुरू कर देते हैं अगर डिलीवरी होने के बाद बच्चे नहीं रोते हैं तो डॉक्टर उसे पीठ थपथपा कर रुलाने का प्रयास करते हैं क्योंकि डिलीवरी होने के बाद बच्चे को ना रोना अस्वस्थ का संकेत देता है इसलिए डिलीवरी होने के बाद कुछ सेकेंड के अंदर ही बच्चे को रोना चाहिए
Q नवजात शिशु रोए तो क्या करें?
अगर आपके शिशु 1 दिन में 3 घंटे से अधिक रोता है और बार-बार चुप कराने पर भी शांत नहीं रहता तो आपको तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए हो सकता है आपकी शिशु बुखार या किसी अन्य बीमारी के लक्षण से पीड़ित हो इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए इसके बाद डॉक्टर के परामर्श के अनुसार आपको शिशु का इलाज करवाना चाहिए
Q छोटे बच्चों का रोना कैसे बंद करें?
अगर छोटे बच्चे एक बार रोना शुरू कर देते हैं तो वह लगातार होते रहते हैं उसे बार-बार चुप कराने पर भी शांत नहीं रहते ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले देखना चाहिए कि बच्चा कहीं भूखा तो नहीं है अगर आपका बच्चा भूखा है तो उसे दूध पिला कर शांत करना चाहिए नवजात शिशु भी आपसे बात करना चाहते हैं आप उससे बात करना शुरू कर दें देखिए आपका बच्चा तुरंत शांत हो जाएगा अगर आप बच्चे को किसी एक जगह पर लेटा कर रखते हैं तो अक्सर रोना शुरू कर देता है ऐसी स्थिति में आप उसे कहीं बाहर ले जाकर घुमाया देखिए आपका बच्चा तुरंत रोना बंद कर देगा
Q नवजात क्यों रो रहा है?
नवजात शिशु को रोने का कई कारण होते हैं अगर आपके बच्चे भूखे हैं तो वह भूख के कारण होता है आप बच्चे को कहीं अकेले छोड़ देते हैं तब भी वरुणा शुरू कर देता है और उसके पास जाने पर भी रोना बंद नहीं करता है इसके साथ ही अगर आपके बच्चे बीमार है या उसके किसी अंग में दर्द हो रहा है तो वह रोना शुरू कर देता है ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले बच्चे की भूख को शांत करना चाहिए इसके साथ ही बच्चे को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और अगर आपको बच्चे में कहीं भी किसी बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहा है तो तुरंत आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए
निष्कर्ष janm ke baad bache kyo rota hai
दोस्तों आज के लेख में हमने आपको बताया कि जन्म के बाद बच्चे क्यों रोता है जन्म के बाद बच्चे की रोने का सही कारण और जन्म लेने के बाद बच्चा क्यों रोता है इससे जुड़ी हर प्रश्नों का जवाब आपको मिल गया होगा इस पोस्ट में हमने आपको बच्चे को जन्म लेने के बाद रोने से संबंधित वैज्ञानिक कारण चिकित्सक धर्म ग्रंथ और इस्लाम धर्म के बारे में विस्तार से बताया है
जिससे आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि जन्म के बाद बच्चा क्यों रोता है और उसका सही कारण क्या है दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा अगर इस प्रश्न से जुड़ी कोई भी सवाल आपके मन में रह गया हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं
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