रविवार, 17 दिसंबर 2023

2024 मैं होली कब है 2024 me holi kab hai in hindi ( होलिका दहन शुभ मुहूर्त) होली कब है 2024 { holi date 2024

 

दोस्तों आज हम बात करेंगे कि 2024, मैं होली कब है 2024 me holi kab hai, Holi date 2024


होलिका दहन शुभ मुहूर्त पूर्णिमा तिथि कब शुरू होगी  पूर्णिमा तिथि कब समाप्त होगी होली रंगों का त्योहार माना जाता है होली का त्यौहार हर वर्ष फाल्गुन में पूर्णिमा के दिन होलिका दहन जलाई जाती है 




जिसमें सभी लोग एक जगह कुछ लकड़ियां इकट्ठा करके उसमें आग लगा दिया जाता है और सभी लोग उसके चारों ओर घूम कर नाच गन करते हैं दूसरे दिन धूल खेड़ी और रंग का त्यौहार मनाया जाता है इस त्यौहार से आपस में भाईचारा और प्रेम बढ़ता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं


 और एक दूसरे के गले मिलते हैं अपने से बड़े लोगों को गुलाल लगाकर उसके पांव छूते हैं और उसके आशीर्वाद लेते हैं और एक दूसरे के गले मिलते हैं होली बूढ़े जवान स्त्री पुरुष बच्चे सभी लोग मनाते हैं होली एक खुशी का त्योहार है


आज हम आपको बताएंगे कि  

2024 me holi kab hai

 होली क्यों मनाया जाता है

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है

होली मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है

बिहार में होली कब है

झारखंड में होली कब है

होलिका पूजन का सामग्री

होलिका पूजन की सरल विधि

होलिका पूजन करने से हमें क्या लाभ मिलता है

उत्तर प्रदेश में होली कब है

होली का त्यौहार कैसे मनाए

यह सारी जानकारी हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे होली से जुड़ी हर जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से हम आप सभी को बताने जा रहे हैं

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 जिसमें हर कोई खुशी पूर्वक होली का त्यौहार का आनंद उठाते हैं तो चलिए अब हम जानते हैं कि 2024 me holi kab hai

2024 मैं होली कब है  2024 me holi kab hai


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होली का त्यौहार हर वर्ष फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है इस साल  2024 मैं होली का त्यौहार 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी


होली कब है 2024 ,(2024 me holi kab hai)



2024 मैं होली का त्यौहार  25 मार्च 2024 दिन सोमवार को है   फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्यौहार मनाया जाता है  पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें

यहां पढ़ें2023 मे होली कब है पूरी जानकारी

होलिका दहन कब है

2024 में होलिका दहन 24 मार्च 2024 सोमवार को किया जाएगा इस दिन सभी लोग लकड़ी इकट्ठा करके उसमें होलिका का प्रतिमा बनाकर उसके ऊपर रखा जाता है और सही मुहूर्त मे होलिका दहन किया जाता है होलिका दहन के दिन सभी लोग नाचते गाते हुए होलिका दहन के चारों तरफ परिक्रमा करते है 


होलिका दहन शुभ मुहूर्त (holika dahan subh muhurat )

वर्ष 2024 में होलि का  का शुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 दिन रविवार रात 11:15 से लेकर मध्य रात्रि 12:23 तक रहेगी

दिनाक 24 march 2024

दिन रविवार (sunday)

शुभ मुहूर्त प्रारंभ - रात्रि 11:15 से शुरू

समाप्ति - मध्यरात्रि 12:23 पर समंप्ति 





2024 में होली कब है? होलिका दहन शुभ मुहूर्त



2024 में होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाएगा

होलिका दहन

2024 मैं 24 मार्च 2024 दिन रविवार को रात्रि में किया जाएगा

होलिका दहन शुभ मुहूर्त रात्रि 11:15 से रात 12:23 तक रहेगा

कुल अवधि एक घंटा 7 मिनट

होली 2024 में 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को मनाया जाएगा

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होली क्यों मनाया जाता है ( holi kyo manaya jata hai)


होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में मनाई जाती है ऐसा कहा जाता है कि होली के दिन ही बुराई से अच्छाई की जीत हुई थी इसी खुशी में होली का त्यौहार मनाया जाता है 

 प्राचीन काल में अत्याचारी राक्षस राज कश्यप ने तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान पा लिया संसार का कोई भी जीव जंतु देवी देवता राक्षस मनुष्य कोई ना मार सके ना ही वह रात में मरे ना ही दिन में ना पृथ्वी पर और ना आकाश में ना घर में और ना बाहर मरे यहां तक कि कोई शस्त्र भी उसे ना मार पाए ऐसा वरदान पाकर हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानने लगा


 और वह चाहता था कि हर कोई भगवान विष्णु की तरह उसकी पूजा किया करें वही अपने पिता के आदेश का पालन न करते हुए हिरण्य कश्यप के पुत्र प्रहलाद ने उसकी पूजा करने से इंकार कर दिया और उसकी जगह भगवान विष्णु की पूजा करना शुरू कर दिया प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था 


और उस पर भगवान विष्णु की असीम कृपा थी अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की आराधना करता देख कर नाराज होने की वजह से हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को कई सजाएं दी फिर भी प्रभावित नहीं हुआ इसके बाद हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका ने मिलकर एक योजना बनाई पर बैठेगी 

होलिका के पास ऐसा कपड़ा था जिसे होने के बाद उसे आदमी किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता था उसे अग्नि देव द्वारा दूसरी तरफ प्रहलाद के पास खुद को बचाने के लिए कुछ भी नहीं था जैसे ही आग जली वैसे ही भगवान विष्णु की कृपा से होलिका का कपड़ा पहलाद के ऊपर चला गया 



और इस तरह प्रहलाद की जान बच गई और उसकी जगह होलिका आग में जल गई यही कारण है कि होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है 


होलिका दहन के पवित्र अग्नि जलाई जाती है जिसमें सभी तरह की बुराई अहंकार और नकारात्मकता को जलाया जाता है


 और उसकी असली हम अपने प्रिय जनों को रंग लगाकर त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं और इसके साथ ही नाच गाने और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ इस पर्व का मजा लेते हैं


होली मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है (  holi manane ka vaegyanik karan kya hai)


 होली मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है और उसका महत्व क्या है होली का त्यौहार सिर्फ रंगो का त्यौहार नहीं है होली त्यौहार पर्यावरण से लेकर हमारी सेहत के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक है होली पर्व के मनाने का वैज्ञानिक कारण फागुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रंग बिरंगी त्यौहार है वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें पूर्वजों का शुक्रगुजार होना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने वैज्ञानिक दृष्टि से उचित समय पर  होली का पर्व मनाने का शुरुआत किए

 लेकिन होली के दिन खुशी और मस्ती इतनी अधिक होती है कि सभी लोग होली मनाने के पीछे कब वैज्ञानिक कारण नहीं जान पाते हैं होली का त्यौहार हर वर्ष ऐसे समय में आता है 

जब मौसम का बदलाव के कारण हमारे शरीर में आलसी बना जाता है मौसम बदलाव के कारण हमारे शरीर में थकान हो सुस्ती महसूस होने लगती है और यह प्राकृतिक है शरीर के थकान और सुस्ती को दूर भगाने के लिए होली का त्योहार बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुआ है

 इस दिन लोग हर्ष और उल्लास के साथ नाचते हैं गाते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं जिससे उसकी थकान और सुस्ती दूर हो जाती है इस मौसम में बजाए जाने वाले संगीत भी बेहद तेज होता है यह सभी चीज मानवी शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती है इसके अतिरिक्त रंग और अबीर जब शरीर पर डाला जाता है 


तो इसका हमारे शरीर पर अनोखा प्रभाव होता है योगासन के डॉक्टर प्रधान के अनुसार होली पर ढाक के फूलों से तैयार किया गया रंगीन पानी विशयुद्ध रूप से गुलाल डालने से शरीर पर इसका कुल देने का प्रभाव करता है और हमारे शरीर पर ताजगी प्रदान करता है 

जीव वैज्ञानिकों को मानना है गुलाल और अबीर शरीर की त्वचा को उत्तेजित करते हैं और रोम में समा जाते हैं और शरीर के आयन मंडल को मजबूती प्रदान करने के साथ ही साथ स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं और उसकी सुंदरता में निखार लाता है

 होली का त्यौहार मनाने का एक और वैज्ञानिक कारण है जो होली के परंपरा से जुड़ी हुई है शरद ऋतु के समाप्ति और बसंत ऋतु के आगमन का यह काल पर्यावरण और शरीर में बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ा देता है

 लेकिन जब होलिका जलाई जाती है तो उसके करीब 145 डिग्री तक तापमान बढ़ता है परंपरा के अनुसार सभी लोग जलती हुई होली का परिक्रमा करते हैं जलते हुए चलता था आप शरीर के आसपास और पर्यावरण में  बैक्टीरिया को को को नष्ट कर देता है 

और इस प्रकार होली के दिन शरीर और हमारे आसपास के  बैक्टीरिया  को को नष्ट करता है और  अच्छे स्वास्थ्य को प्रसारित करता है

होली पूजन सामग्री (holi pujan samagri)

होली के पहले दिन जिस दिन होलिका जलाई जाती है उस दिन होली का पूजन किया जाता है होली के पूजन करने का सामग्री कुछ इस प्रकार है

होलिका पूजन करने के लिए सबसे पहले एक बड़ी थाल लेना है उसमें थोड़ा सा गुड आटा हल्दी गेहूं के 7 ,9 या 11 बाल आप अपने अनुसार ले सकते हो कच्चा सूत कलावा जल का एक लोटा पांच गाय के गोबर से बनी 5  माला और दक्षिणा के लिए कुछ द्रव्य से अपनी थाली को सजा लेना है

होलिका मैं पूजा करने का सरल विधि ( holi me puja karne ka saral vidhi)


होलिका पूजन होली के पहले दिन किया जाता है इस दिन होलिका दहन किया जाता है इस दिन सभी लोग होली का पूजा करते हैं होली पूजा करने का विधि कुछ इस प्रकार हैं

होली का पूजा करने के लिए महिलाएं पूरा दिन व्रत रखती हैं

होली के दिन प्रातः काल सबसे पहले  हनुमान जी और अपने पितरों का भोग लगाया जाता है

  • होलि का पूजन दिन ढलने से पहले किया जाता है

  • होली पूजन करने के लिए महिलाएं सबसे पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें उसके पश्चात सोलह सिंगार करें

  • अब आप जहां होली पूजन करेंगे उस स्थान पर पूजन की सामग्री की थाल को लेकर चले जाएं


  • अब सबसे पहले आप होली पूजन के लिए गोबर से बनाई गई बीड़कले की माला रख ले


  • अब आप सबसे ऊपर गोबर से बनाई गई होलिका माता को रखें


  • अब आप होलिका माता को हल्दी से तिलक करें थोड़ा आटा चढ़ाएं उसके बाद गुड़ का भोग लगाएं


  • अब आप कच्चे सूत को होलिका में लगाई गई डंडी में लपेटे और उसे टहनी  में 7 बार लपेटे


  • उसके बाद उसी टहनी  पर थोड़ा जल चढ़ाते थोड़ा टीका लगा दे और कुंवारी कन्या से उस कच्चे सूत को अलग करवा दे


  • अब आपको होलिका कि परिक्रमा लगाना होगा आप जहां पूजा किए थे वहीं से हाथ में जल का कलश लेकर होली का परिक्रमा करना शुरू कर दे


  • और परिक्रमा करते समय होलीका के चारों तरफ जल के कलश से जल नीचे गिराना है


  • आप जहां से परिक्रमा शुरू किए थे वहीं आकर रुक जाना है आप होलिका के एक 3 या 7 चक्कर लगा सकते हैं अब आपको पूजा किया गया बीड़कले की माला को बच्चे द्वारा होलिका के ऊपर उछलना है यह जितना ऊपर जाए उतना ही बेहतर होगा


और इस तरह से होलिका की पूजन किया जाता है

होलिका पूजन करने के पश्चात रात्रि के समय होलिका दहन किया जाता है


होलिका पूजन से हमें क्या लाभ मिलता है (holika pujan se hame kya labh milta hai)

होली त्यौहार प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का होलिका पूजन से परिवार में सुख समृद्धि आती है होलिका पूजन मुख्य रूप से लड़कों के लिए किया जाता है ऐसा माना जाता है कि जो भी महिलाएं होलिका पूजन सच्ची श्रद्धा मन और पूरी विधि विधान के साथ करती है

 तो बच्चों को जीवन में कभी भी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है जैसे भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की थी उसी तरह होलिका पूजन करने से भगवान विष्णु हर मुसीबत से बच्चों की रक्षा करते हैं

 होलिका पूजन मां अपने बच्चों को बुरी शक्तियों से बचाने और उनकी मंगल कामना के लिए करती है होली का व्रत कुछ महिलाएं शाम के समय होलिका पूजन करने के बाद खोल लेते हैं और कुछ महिलाएं होलिका दहन के बाद खोलती है


होली का त्यौहार कैसे मनाएं (holi ka tyohaar kaise manaye)





होली का त्यौहार मनाने के लिए आप होली का पूरा तैयारी कर ले पहले दिन होलिका का व्रत रखें और शाम के समय होलिका दहन करें होलिका दहन के चारों और परिक्रमा जरूर करें

 दूसरे दिन प्रातः काल धूल खेड़ी से होली का शुरुआत करें धूल मिट्टी और होलिका की राख को एक दूसरे को लगाया जाता है उसके बाद दोपहर में स्नान आदि करके रंग और अबीर से होली खेला जाता है

 होली के दिन अपने से बड़ों को गुलाल लगाकर उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है और एक दूसरे के गले मिलते हैं होली के दिन नाच गान का भी कार्यक्रम किया जाता है मुख्य रूप से इस दिन संगीत का भी कार्यक्रम रखते हैं

 सभी लोग हर्ष और उल्लास के साथ एक दूसरे को रंग लगाते हैं और खुशी से नाचते और गाते हुए  दिखाई देते हैं इस दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर उसे रंग लगाकर होली का त्यौहार का आनंद उठाते हैं


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


बिहार में होली कब है (Bihar me holi kab hai)


Ans. 2023 में बिहार में होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाएगा और 8 मार्च 2023 दिन बुधवार को मनाई जाएगी

2024 मैं बिहार में होली 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी और 24 मार्च 2024 को होलिका दहन किया जाएगा

होलिका दहन क्यों किया जाता है ( holika dahan kyo manaya jata hai )


होलिका दहन बुराइयों पर अच्छाई की जीत की खुशी में किया जाता है पुराने इतिहास को एक बार फिर से दोहराया जाता है और दिखाया जाता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो लेकिन अच्छाई से कभी भी नहीं जीत सकती है और जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के बाद हमारे शरीर से नकारात्मक उर्जा होली के अग्नि में जलकर समाप्त हो जाती है और हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है होलिका दहन की राख जब हमारे शरीर पर लगाया जाता है तो हमारे शरीर मैं मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है

झारखंड में होली कब है 2024


झारखंड में होली 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी 

           होलिका दहन

25 मार्च 2024 दिन सोमवार को किया जाएगा इस दिन सभी लोग अपने घरों से लकड़ियां ले जाकर इकट्ठा करते हैं और सही मुहूर्त में होलिका जलाई जाती है


उत्तर प्रदेश में होली कब है 2024


 उत्तर प्रदेश में होली 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को है होलिका दहन 7 मार्च दिन मंगलवार को है  उत्तर प्रदेश में हर साल होली का त्यौहार फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है उत्तर प्रदेश में होली बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है यहां एक दूसरे को रंग लगाकर होली का त्यौहार मनाते हैं उत्तर प्रदेश में होली त्यौहार का बड़ा ही महत्व दिया जाता है बच्चे बूढ़े जवान सभी मिलकर होली का त्यौहार मनाते हैं



होली से पहले होलिका क्यों जलाई जाती है ?

Ans - आपने अक्सर देखा होगा कि होली से 1 दिन पहले होलिका को जलाया जाता है उसके बाद दूसरे दिन से होली मनाया जाता है इसमें बहुत से लोगों के मन में सवाल आता है

 कि आखिर होली के पहले ही होलिका क्यों जलाई जाती हैं तो इसका सीधा मतलब है कि होली प्रसंता और खुशी का त्यौहार है होली के त्यौहार मनाने से हमारे शरीर और मन के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

 और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के लिए हमारा मन साफ होना चाहिए हमारे अंदर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं होना चाहिए और होलिका दहन के दिन हमारे अंदर के सारे नकारात्मक ऊर्जा बाहर आते हैं

 क्योंकि होलिका दहन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है जिसका जीता जाता प्रमाण होलिका दहन होता है होलिका दहन बुराइयों की अंत करने की खुशी में मनाई जाती है 

विष्णु पुराण के अनुसार होली का हिरना कश्यप की बहन थी जोकि प्रह्लाद को मारने के लिए उसे अपने गोद में लेकर चिता पर बैठ गई थी और नीचे से आग लगा दिया गया होलिका को अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था

 जिस कारण उसके अंदर घमंड हो गया था कि अग्नि हमें नहीं जला सकती है और प्रह्लाद अग्नि में जलकर मर जाएगा लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति करता था और सच्चाई का साथ देता था

 जिस कारण से भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद अग्नि से जिंदा बाहर आ गया और होली का उसी अग्नि में जलकर राख हो गई है जिस कारण से हम होली के 1 दिन पहले होलिका दहन करते हैं और यही कारण है कि होली से 1 दिन पहले ही होलिका दहन किया जाता है


निष्कर्ष 


आज हमने आपको बताया कि  2024 में होली कब है दोनों जानकारी एक ही पोस्ट में हमने आपको बताया है जिससे आप जान पाएंगे कि 

2024 me holi kab hai


When is holi in 2024


Bihar me holi kab hai


Holi kyo manaya jata hai


Holi kaise manaye


Holi ki puja samagri


Holi ki puja vidhi


Holi ki pujan se hame kya labh milta hai


यह सारी जानकारी हमने आपको दिए हैं जिससे आप होली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इसके साथ हमने यह भी बताया कि पूर्णिमा तिथि कब समाप्त होगी पूर्णिमा तिथि कब शुरू होगी पूजा करने की विधि पूजा करने से हमें क्या लाभ मिलेगा होली से जुड़ी पूरी जानकारी हमने आपको बताई हैं अगर इस पोस्ट से जुड़ी और कोई भी सवाल आपके मन में हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं

होली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q होली कितने मार्च को है? 2024 में
Ans होली 2024 में 25 मार्च दिन सोमवार को है

Q होली दहन रख को क्या करें?

मान्यता के अनुसार होलिका दहन की राख को शरीर पर लगाने से त्वचा संबंधित सारी बीमारी दूर हो जाती है इसके साथ ही होलिका दहन की राख को घर में छिड़काव करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलती है

Q होली कितने तारीख को जलेगी?

Ans साल 2024 में होली 24 मार्च रविवार मैं रात को जलेगी

Q होली के दिन कैसे कपड़े पहनना चाहिए?

Ans होली के दिन सफेद कपड़ा पहनना चाहिए सफेद कपड़े शांति के प्रतीक होती है जिससे हमारा मन शांत रहता है खासकर जिन लोगों को ज्यादा क्रोध आता है होली के दिन सफेद कपड़ा जरूर पहनना चाहिए और होली के दिन सफेद कपड़ा पहनना शुभ भी माना गया है क्योंकि होली रंगों का त्यौहार है और सफेद कपड़े पर कोई भी रंग आसानी से चढ़ जाता है



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