नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि पति पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chahiye
पति पत्नी को एक थाली में खाना उचित है या अनुचित क्यों हिंदू धर्म में पति पत्नी को एक थाली में खाना अशुभ माना गया है
क्या होता है पति पत्नी को एक थाली में खाना खाने से और पुराने समय में इन सब बातों का पूरा ध्यान रखा जाता था
कोई भी पत्नी अपने पति को अपना जूठा नहीं खिलाती थी लेकिन बदलते समय में यह सब आम बात हो गया है
आजकल आप अक्सर देखते होंगे कि पति पत्नी दोनों एक साथ एक ही थाली में खाना खाते हैं यहां तक की पत्नी अपना जूठा पति को खिला देती है जिसका बहुत बड़ा दोष लगता है
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और पति को अपना जूठा खिलाने से क्या पाप लगता है और अपने जीवन में ऐसे व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रह पाते हैं क्या पति पत्नी को एक थाली में एक साथ में खाना सही है
और पति और पत्नी को साथ में क्यों नहीं खाना चाहिए और pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chahiye यह सारी जानकारी आज हम आपको पोस्ट के माध्यम से बताएंगे जिससे आपके मन में आए हुए सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा तो चलिए इस पोस्ट को शुरू करते हैं
पति-पत्नी को एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए
Pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chaiye पति पत्नी को एक थाली में एक साथ खाना खाने से वास्तु दोष माना गया है
जिस कारण से पति-पत्नी को एक थाली में नहीं खाना चाहिए
पति पत्नी को एक साथ नहीं खाने का बहुत से कारण बताए गए हैं
और खासकर हिंदू धर्म मैं पति को अपना जूठा कभी नहीं खिलाना चाहिए
शास्त्रों के अनुसार भोजन के बारे में कहीं रहस्य बताए गए हैं
यदि कोई भोजन को लांग दे तो हुआ भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता है
भोजन करते समय थाली छोड़ कर उठना नहीं चाहिए पूरा भोजन करने के बाद ही उठना चाहिए
और उन्हें शास्त्रों में पति और पत्नी एक साथ में भोजन करने का अवगुण बताया गया है
तो चलिए जानते हैं कि पति पत्नी एक थाली में एक साथ क्यों नहीं खाना चाहिए
1 पत्नी का प्रेम पति पर हावी होता है
जी हां दोस्तों ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी पत्नी अपने पति के साथ एक थाली में खाना खाते हैं pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chahiye
जिनमें कुछ लोगों का मानना है कि पत्नी का प्रेम पति पर हावी हो जाता है और घर में लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है क्योंकि पति अपने पत्नी की बस में हो जाता है
पत्नी जो कहे पति को सिर झुका कर मानना पड़ता है
पति भले ही कोई एसपी डीएसपी या किसी सरकारी अधिकारी का कितना ही बड़ा ऑफिसर क्यों ना हो
लेकिन घर पर आने पर पति को पत्नी की हर बात माननी पड़ती है क्योंकि वह हमेशा अपने पत्नी के साथ एक ही थाली में भोजन करता है
जिस कारण से उसके ऊपर पत्नी का प्रेम हावी हो जाता है
और वह अपने पत्नी से कुछ नहीं बोल पाता पत्नी द्वारा बोला गया शब्दों को आदेश मानता है और वह वही करता है जो उसकी पत्नी बोलती है
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2 पति को भगवान का दर्जा दिया जाता है
हिंदू धर्म में स्त्रियां पति को भगवान का दर्जा देती है पति को भगवान जैसा पूजा जाता है
करवा चौथ हरतालिका तीज वट सावित्री व्रत जैसी पूजा अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है जिसमें पति का पूजा किया जाता है
और पति को भगवान माना जाता है उसे अपना जूठन कभी नहीं खिलाया जाता है जिस कारण से भी पति और पत्नी को एक साथ एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए
पती को जूठन खिलाने का मतलब होता है भगवान को जूठा खिलाना और जिस कारण से पति को झूठा खिलाने से पत्नी
पाप की भागीदार होती है
इसलिए अपने पति को कभी भी जूठा नहीं खिलाना चाहिए
और ना ही कभी पती पत्नी को एक थाली में एक साथ भोजन करना चाहिए हां यदि पती को भोजन करने के बाद उसके थाली में कुछ शेष खाना बच जाता है
तो उसे प्रसाद के रूप में पत्नी को पति के थाली में बचे हुए भोजन को ग्रहण करना चाहिए क्योंकि पति को भगवान का दर्जा दिया जाता है
और भगवान का जूठा प्रसाद होता है जिस कारण से कोई भी सुहागन स्त्री अपने पति का जूठा प्रसाद समझकर ग्रहण कर सकती है
3 घर में दरिद्रता का वास होता है
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि पति पत्नी को एक थाली में एक साथ खाने से घर में गरीबी और दरिद्रता का वास होता है
उसके घर से लक्ष्मी चली जाती है वह बिल्कुल निधन हो जाता है शास्त्रों में पति पत्नी के बारे में बहुत सा उल्लेख किया गया है
जिसमें बताया जाता है कि पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से घर में और दरिद्रता आती है घर में दरिद्रता आने का कारण जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पढ़ें इससे आपको काफी हेल्प मिलेगी
यहां पढ़ें - घर मे गरीबी और दरिद्रता क्यों आती है
और जिस घर में दरिद्रता का वास हो गया उस घर के कोई भी लोग सुखी नहीं रह पाते हैं इसलिए कभी भी पति और पत्नी को एक साथ में भोजन नहीं करना चाहिए
4 पारिवारिक सुख में कमी आती है
जी हां दोस्तों पति पत्नी को एक साथ एक साथ थाली में खाने से पारिवारिक सुख में कमी आती है घर में कलेश बढ़ती है
ऐसा बताया जाता है कि पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से पत्नी के अशुभ विचार पति के मन में जगह बना लेती है
जिस कारण से पति पत्नी के बीच में प्यार की कमी आ जाती है और पति पत्नी के बीच दूरी होने लगता है
होने लगता है क्योंकि जब किसी भी व्यक्ति के मन के अंदर किसी का भी अशुभ विचार आता है
तो उसके मस्तिष्क के अंदर सोचने की शक्ति कम हो जाती है और वह हर काम उल्टा करने लगता है छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई झगड़ा करने लगते हैं
जिस कारण से पति और पत्नी एक साथ रहने पर ही एक दूसरे से सही ढंग से बात नहीं कर पाते हैं
और धीरे-धीरे परिवारिक सुख में कमी आने लगती है इसलिए कभी भी पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाना नहीं खाना चाहिए
5 मन में नकारात्मक विचार आते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति पत्नी को एक साथ एक थाली में खाने से उन दोनों के मन मैं अंदर नकारात्मक विचार आते हैं
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि यदि आप किसी के साथ भोजन ग्रहण करते हैं
तो यदि उसके मन में कोई नकारात्मक विचार है तो वह आपके मन में भी आ जाएगा यानी एक साथ भोजन करने से विचार का आदान-प्रदान होता है
लेकिन आजकल लोगों का मानना है कि पति पत्नी को एक थाली भोजन करने से आपसी प्रेम बढ़ता है
लेकिन शास्त्रों में इसे उचित नहीं बताया जाता यह अनुचित होता है हां यदि पति के द्वारा बचा गया भोजन पत्नी ग्रहण कर सकती है
पति का प्रेम बढ़ता है ना की पति पत्नी एक साथ भोजन करने से आप से प्रेम बढ़ता है आप बड़े बुजुर्ग हमेशा सुने होंगे कि अपने पति को कभी भी अपना झूठा नहीं खिलाना चाहिए
और एक साथ एक थाली में भोजन करने से आप तो पति को भी अपना झूठा खिला रही हो इस कारण कभी भी पति पत्नी को एक साथ एक थाली में भोजन नहीं करना चाहिए
6 परिवार पर बुरा असर पड़ता है
जी हां दोस्तों यदि आप पति-पत्नी एक थाली में एक साथ भोजन करते हैं और आप नहीं जानते हैं कि pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chaiye
तो आपके परिवार पर बुरा असर पड़ सकता है जब आपके परिवार में आपके माता-पिता और आपके बच्चे हो और उसके सामने में आप दोनों एक साथ में भोजन करेंगे
तो उनके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होगा वह सोचेंगे कि यह कैसे लोग हैं जो कि अपने परिवार के सामने एक थाली में एक साथ भोजन कर रहे हैं ऐसा ज्यादातर गांव में होते हैं
गांव में कोई भी स्त्री अपने पति के साथ में एक साथ भोजन नहीं करती है क्योंकि गांव में सामाजिक परंपरा के अनुसार कोई भी महिला अपने पति के साथ भोजन करने से वह सोचती है
कि हमें पाप लगेगा क्योंकि हम अपने पति को अपना जूठन नहीं खिला सकती हो यह हमारे परंपरा के खिलाफ है उसे बचपन से ही उचित शिक्षा दी जाती है
जिस शिक्षा के आधार पर वह अपने पति को भगवान मानती है और भगवान को कभी भी अपना जूठा नहीं खिलाना चाहिए
और जब उसके परिवार उसके साथ में हो तो उसे ऐसे ही शर्मिंदगी महसूस होता है
और अपने अपने पति के साथ में भोजन नहीं करना चाहती है जब उसका पति भोजन कर लेते हैं उसके पश्चात ही भोजन करती है
7 संस्कृति को बचाए रखने के लिए
हमारे संस्कृति को बचाए रखने में बुजुर्गों का काफी योगदान रहा है पूर्व समय में आप देखे होंगे या अपने दादा दादी सै यह बात जरूर सुने होंगे कि जब भी किसी लड़की की शादी होती थी
और वह ससुराल जाता था तब वह कई दिनों तक घूंघट में रहता था क्योंकि शादी के बाद घूंघट में रहना संस्कृति माना जाता था
और यह अक्सर गांव में हुआ करता था जिसे लोग पूरी श्रद्धा के साथ निभाते थे और उसी संस्कृति को बचाए रखने के लिए पति पत्नी कभी भी एक साथ एक थाली में खाना नहीं खाते थे
जब पूरे घर के सदस्य खाना खा लेते थे उसके बाद ही घर की औरतें खाना खाती थी जिस कारण से उस समय लोग अपने परिवार में सुख और चैन की जिंदगी जीता था और एक दूसरे से मिलजुल कर रहते थे
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पति पत्नी एक साथ एक थाली में भोजन क्यों करते हैं
क्योंकि आजकल के लोगों को मानना है कि एक साथ भोजन करने से आपसी प्रेम बढ़ता है और बदलते समय के साथ आजकल यह आम बात हो गया है
और आजकल की पत्नियां अपने पति से प्यार जताने के लिए भी एक साथ एक थाली में भोजन करते हैं
क्या पत्नी अपने पति का जूठा खा सकती है
सुहागन स्त्रियां अपने पति को ईश्वर मानती है और ईश्वर का जूठा प्रसाद होता है इसलिए पति का जूठन भोजन पत्नी को प्रसाद समझकर ग्रहण करना चाहिए
और पति का जूठा खाने से पति-पत्नी का प्यार हमेशा कायम रहता है और जीवन में पति पत्नी रिश्ता और भी गहरा हो जाता है
हिंदू धर्म के सभी स्त्रियां जो पतिव्रता होती है वह अपने पति के द्वारा छोड़े गए भोजन को भगवान का प्रसाद मानती है
और भगवान का प्रसाद ग्रहण करना किसी भी मनुष्य के लिए सौभाग्य का बात होता है जिस कारण से कोई भी सुहागन स्त्री अपने पति का जूठा भोजन खा सकती है
पत्नी को भोजन कब करना चाहिए
पति के भोजन करने के बाद ही पत्नी को भोजन करना चाहिए जब उसका पति भोजन ग्रहण कर ले
और उसके परिवार के सभी सदस्य भी भोजन ग्रहण कर ले उसके बाद ही पत्नी को भोजन करना चाहिए क्योंकि पत्नी को ग्रहणी कहा जाता है
पूरे घर परिवार का दायित्व पत्नी के ऊपर होता है इसलिए पत्नी को चाहिए कि जब उसके परिवार में सभी लोग भोजन कर लिए हैं उसके बाद ही पत्नी को भोजन करना चाहिए
हमें किसके साथ में भोजन करना चाहिए
आप अपने परिवार में अक्सर देखते होंगे कि भाई-बहन माता-पिता के साथ बच्चे भोजन करते हैं अपने भाई के साथ भोजन करना चाहिए जिसमें भाई भाई का प्रेम बढ़ता है
और परिवार में सुख समृद्धि आती है आप अपने माता पिता के साथ भोजन कर सकते हैं जिसे माता पिता का स्नेह प्राप्त होता है
यदि आपके गुरु भोजन कर लिए हैं और उसके पश्चात उसके थाली में कुछ शेष खाना बन जाता है
तो आप उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं क्योंकि गुरु को भगवान के रूप में माना जाता है
इसलिए गुरुवर द्वारा छोड़ा गया भोजन प्रसाद होता है जिसे ग्रहण करने से गुरुवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है और गुरुवर का छोड़ा गया भोजन ग्रहण करने से ज्ञान बढ़ता है
अंतिम शब्द
आज हमने आपको बताया कि पति और पत्नी को एक साथ एक थाली में क्यों नहीं खाना चाहिए
Pati patni ko ek thali me kyo nahi khana chaiye
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