क्या मृत्यु का समय टल सकता है kya mrityu ka samay tal sakta hai दोस्तों जन्म और मृत्यु दो ऐसे सत्य है जिन्हें चाह कर भी कोई बदल नहीं सकता है कोई किसी के जन्म का समय बदल सकता है और नहीं किसी को उसकी मौत से बचा सकता है
चाहे वह ईश्वर ही क्यों ना हो आपको पता होना चाहिए कि भगवान श्री कृष्णा राम भगवान विष्णु के अवतार थे लेकिन समय आने पर उसे भी अपना शरीर छोड़ना पड़ा और इसी बात को साबित करने के लिए आज हम आपको ऐसी कहानी सुनाएंगे जिससे आप जान जाएंगे की मृत्यु का समय कोई नहीं बदल सकता अगर आप सोच रहे हैं
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कि क्या मृत्यु का समय टल सकता है क्या मृत्यु निश्चित है क्या मृत्यु निश्चित है तो इसके लिए हम आपको एक कथा सुनाएंगे इसके बाद सुनिश्चित हो जाएगा की क्या मृत्यु का समय टल टल सकता है या नहीं
क्या मृत्यु का समय टल सकता है? Kya mrityu ka samay tal sakta hai
अगर आप मृत्यु का समय डालना चाहते हैं आप सोच रहे हैं कि क्या मृत्यु का समय चल सकता है तो इसके लिए आपको गरुड़ पुराण में बताई गई जन्म मृत्यु के रहस्य को जानना होगा उसके लिए हम आपको एक कथा सुनाने जा रहे हैं
एक बार भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठे शिवजी से मिलने जा रहे थे आज पहुंचकर विष्णु जी भगवान शिव से मिलने चले गए और गरुड़ को द्वार पर ही रुकने को बोल गए अपने स्वामी की बात मानकर गरुड देव द्वार पर ही रुक गए
तभी उनका ध्यान वहां बैठी एक छोटी सी चिड़िया पर गई वह चिड़िया देखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही चंचल थी उसकी सुंदरता हर बार गरुड़ देव की ध्यान अपनी और खींच रही थी
गरुड़ देव उसकी तरफ देखते हुए मुस्कुरा ही रहे थे कि तभी वहां यमराज आ गए कुछ देर द्वार पर रुके अजीब तरह से उसे चिड़िया को घूरने लगे गरुण समझ गए कि यमदेव उसे चिड़िया को इतने आश्चर्य से देख रहे हैं
मतलब इसका अंत पास ही है लगता है कैलाश से वापस जाते समय हो इसे हम लोग ले जाएंगे लेकिन गरुण देव को यह चिंता खाए जा रही थी उन्हें चिड़िया की मासूमता पर दया आ गई
और उसकी जान बचाने के लिए उन्होंने उसे अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारों मिलो दूर जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया अब मन ही मन हो इस बात से बहुत खुश हो रहे थे कि अब इस प्यारी सी चिड़िया की जान बच जाएगी
गरुड़ देव वापस आए तो देखा यमराज कैलाश से वापस जा रहे हैं उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने यमदेव को रोककर उनसे पूछ लिया प्रभु आप उसे मासूम चिड़िया को इतने आश्चर्य से क्यों देख रहे थे
यमदेव ने कहा गरुण उसे चिड़िया की मृत्यु निकट थी पर वह कैलाश में नहीं यहां से बहुत दूर एक जगह पर होनी थी मैं यही सोच रहा था कि यह छोटी सी चिड़िया इतनी जल्दी उड़कर हजारों को दूर कैसे जाएगी अब वह यहां नहीं है और अब वहां पहुंच चुकी है
जहां उसकी मृत्यु होनी थी और अब तक उसकी मृत्यु हो भी चुकी होगी गरुड़ देव को खुद के किए पर बहुत पछतावा हुआ उसे चिड़िया को वहां छोड़कर आए लेकिन वह इस बात को समझ चुके थे कि किसी भी जीव की मृत्यु का समय तो तय होता ही है
साथ ही उसका स्थान भी पहले ही निश्चित हो चुका होता है आप सब के साथ के साथ चतुराई कर सकते हैं लेकिन मृत्यु के साथ नहीं आपका मृत्यु का समय निकट आ गया है तो मृत्यु को टाला नहीं जा सकता आपकी मृत्यु निश्चित समय पर ही होगी और वही स्थान पर होगा जहां आपका मृत्यु होनी है
मृत्यु को कौन टाल सकता है
मृत्यु को कोई भी नहीं टाल सकता मृत्यु एक अटल सत्य है अगर आपके मन में यह ख्याल आ रहा है कि क्या मृत्यु के समय को टाला जा सकता है तो यह आपका भर्म है गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु का समय पहले से ही निश्चित होता है जन्म के समय ही उसकी मृत्यु का समय भी तय हो जाता और मृत्यु इस समय होती है
जब उसकी मृत्यु का समय आ जाती है मृत्यु को कोई भी टाल नहीं सकता लेकिन हां कर्मों के आधार पर मृत्यु का समय काम और ज्यादा जरूर होती है अगर आपके अच्छे कर्म है तो आपकी आयु लंबी हो सकती है लेकिन आपका मृत्यु होना निश्चित है
क्या मृत्यु से बचा जा सकता है
जी हां अगर आपकी मृत्यु का समय पूरा नहीं हुआ और आपके कुंडली में दोष है जिस कारण से आपके साथ कोई दुर्घटना होता है तो आप अकाल मृत्यु से बच सकते हैं अकाल मृत्यु से बचने की कई उपाय हैं
जिसमें आप अपने कुंडली के दोस्त के निवारण कर सकते हैं या फिर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें जिससे अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है लेकिन जब आपकी आयु की अवधि समाप्त हो जाएगी तो आपकी मृत्यु निश्चित है
क्या मृत्यु पहले से ही तय होती है
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु पहले से ही तय होती है जब भी किसी का जन्म होता है इस समय उसकी मृत्यु का समय भी निश्चित कर दिया जाता है भगवान श्री कृष्ण गीता में भी कहे हैं कि जिसका जन्म हुआ है
उसकी मृत्यु होना निश्चित है मृत्यु एक अटल सत्य है जिसमें आत्मा शरीर को छोड़कर बाहर निकल जाती है और फिर से नए शरीर धारण करते हैं जैसे पुराने वस्त्र को हम प्रत्येक करके नए वस्त्र खरीदने हैं इस तरह हमारी आत्मा भी समय पूरा होने पर पार्थिक शरीर को छोड़ देते हैं और फिर नए शरीर धारण करते हैं
जीवन मृत्यु का रहस्य क्या है
जीवन मृत्यु का रहस्य गरुड़ पुराण में बताया गया है गरुड़ पुराण के अनुसार हम निरंतर जन्म लेते हैं अगर हमारा शरीर से आत्मा बाहर निकलती है तो शरीर को मृत समझ जाता है लेकिन हमारी आत्मा अमर है
जिस तरह से हम पुराने कपड़े को बदलकर नए कपड़े पहनते हैं इस तरह आत्मा भी होती है जब इंसान बुड्ढा हो जाता है या किसी दुर्घटना में हमारा शरीर घायल हो जाता है तब आत्मा शरीर से बाहर निकल जाती है और फिर से नए जन्म लेते हैं आत्मा अमर है
आत्मा कभी मरता नहीं है यह निरंतर जन्म लेता है एक शरीर से निकलकर तुरंत किसी जीव में आत्मा की जन्म हो जाती है ऐसा माना जाता है कि 84 लाख योनियों में जन्म लेने के बाद दोबारा से मनुष्य का जन्म मिलते हैं
लेकिन जो मनुष्य अच्छे कर्म करते हैं उसे अगले जन्म में मानव रूपी शरीर मिलती है बुरे कर्म करने वाले इंसान की जन्म कीड़े मुखड़े या फिर किसी जीव जंतु में हो जाती है
मनुष्य का जन्म कितने बार होती है
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनुष्य का जन्म दो बार होती है पहले इंसान शिशु के रूप में इस संसार में जन्म लेते हैं जिसके जन्म के पहले ही उसका भाग्य लिख दिया जाता है
शास्त्रों में भी बताया गया है कि मनुष्य का दूसरा जन्म परलोक में होती है परलोक में होती है जहां मनुष्य को अच्छे कर्म करने होते हैं अच्छे कर्म करने वाले मनुष्य को स्वर्ग मिलता है बुरे कर्म करने वाले मनुष्य को नरक भोगना पड़ता है
निष्कर्ष - kya mrityu ka samay tal sakta hai
दोस्तों आज के लेख में हमने आपको बताया कि क्या मृत्यु का समय टल सकता है का मृत्यु किस समय को डाला जा सकता है इस बारे में पूरी जानकारी दी है लेकिन आपको जाना यह जरूरी है की मृत्यु एक अटल सत्य है
जन्म लेने वालों को मौत आएगी ही मृत्यु के समय को कोई बदल नहीं सकता अगर आपकी मृत्यु होने वाली है तो आपकी मृत्यु निश्चित समय पर ही होगी लेकिन हां अगर आप अच्छे कर्म करते हैं तो इससे आपकी आयु बढ़ती है
जिससे आपकी अकाल मृत्यु नहीं होगी लेकिन जब मृत्यु का समय आ जाएगा तब आपको कोई रोक नहीं सकता मैं आशा करता हूं कि आप समझ गए होंगे की क्या मृत्यु का समय टल सकता है अगर इस सिलेक्ट से
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