ज्यादा चिंता करने से क्या होता है दोस्तों अगर आप भी किसी बात को लेकर अधिक चिंता करते हैं या फिर किसी भी बात को आप सीरियस ले लेते हैं तो यह आप पोस्ट आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इसमें हम आपको बताने वाले हैं की चिंता करने से क्या होता है अगर आप अधिक चिंता करते हैं
तो इससे आपको क्या-क्या प्रॉब्लम आ सकती है चिंता करने वाले व्यक्ति को कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है इसलिए कहा जाता है
कि किसी भी मनुष्य को ज्यादा चिंता नहीं करना चाहिए जो लोग अधिक चिंता करते हैं वह हमेशा परेशान रहते हैं उसको हार्ट अटैक जैसी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है
Read also:- मरते समय कितना दर्द होता है
आज के समय में कोई भी इंसान छोटी-मोटी बातों को लेकर चिंता करने शुरू कर देते हैं अगर आप जान जाएंगे की चिंता करने से क्या होता है यह आपके शरीर पर कितना बुरा असर डालता है तो आप चिंता करना छोड़ देंगे और इस पोस्ट में अधिक चिंता करने से क्या होता है इस विषय पर पूरी जानकारी दी गई है इसलिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें
ज्यादा चिंता करने से क्या होता है
दोस्तों आपको पता होना चाहिए कि ज्यादा चिंता करने से क्या होता है, चिंता एक ऐसी बीमारी है जो आपके मन की सारी खुशियों को खा जाती है बहुत ज्यादा चिंता करने वाला इंसान आपको कभी खुशी नहीं दिखेगा चिंता में डूबे इंसान को किसी भी बात से खुशी नहीं मिलती एक ही बात को लगातार सोचते ही रहेंगे ऐसे लोगों को हमेशा एक मायूसी और दुख की ऊर्जा से घिरे रहते हैं
चाहे कोई खुशी का मौका हो कोई गुस्सा हो कोई त्यौहार हो कोई चीज ऐसे लोगों को खुशी नहीं दे पाती, ऐसे लोगों को लगता है सारी जिम्मेदारियां हमारी ही कंधों पर है हम ध्यान ना दे तो सब बिगड़ जाएगा पर यह सच नहीं है कई बार सिर्फ आपकी चिंता करने की वजह से और ज्यादा बिगड़ जाते हैं
चिंता करने से परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है
परिवार में अगर एक इंसान चिंता करता है तो उसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ जाता है सारे घर में वही एनर्जी फैलने लगती है और ऐसे लोग कभी भी खुश नहीं रह पाता फिर ऐसे लोगों को धीरे-धीरे ऐसी आदत बन जाती है
लेकिन फिर भी अगर आप ज्यादा चिंता करेंगे तो यह आपके परिवार पर बहुत बुरा असर डालता है आपके परिवार में हमेशा गम का माहौल बने रहेंगे क्योंकि यदि आप खुद चिंता में डूबे रहेंगे तो आपको देखकर आपका पूरा परिवार चिंतित होगा इसलिए हमें चिंता बिल्कुल नहीं करना चाहिए
अधिक चिंता करने से नींद नहीं आती है
अगर आप अधिक चिंता करेंगे तो आपको रात में नींद नहीं आएगी वह छोटी-मोटी बातों पर टेंशन में आ जाते हैं और जो इंसान बहुत ज्यादा चिंता करता है फिर उसे गुस्सा चिड़चिड़ापन अशांति बेचैनी देर रात तक नींद ना आना ऐसी सारी बीमारियां लग जाती है एक सच कहूं आपसे शायद आपको कड़वा लगेगा क्या हो सकता है
और छा जाता है और फिर जैसे-जैसे तनाव बढ़ता जाता है दुख का अंधेरा भी गहराता जाता है आज हम जानेंगे कि इस चिंता को कैसे दूर करें सबसे पहले जानना यह जरूरी है की चिंता होती क्यों है क्या कारण है कई कारण हो सकते हैं
चिंता एक भाव का नाम है एक नकारात्मक भाव का चाहे वह भविष्य की इन सिक्योरिटी को लेकर हो, अपना कुछ कीमती सामान खो जाने पर हो, किसी की बात लगने पर हो, किसी कार्य में सफल होने पर हो अथवा किसी आशंका इत्यादि से पर कुछ भी हो चिंता को रोकना अत्यंत आवश्यक है
अधिक चिंता रोगों के कारण बनती है
अधिक चिंता करने से हमारे शरीर में कई प्रकार के रोग आ जाते हैं चिंता ही रोगों के कारण बनती है अधिक चिन्ता बढ़ जाने पर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली अवरुद्ध होने लगती है, और यही कार्य प्रणाली विभिन्न प्रकार के रोगों को जन्म देती है उसी का घाट के होने या तनाव के बने रहने पर सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है
अधिक चिंता करने से टेंशन होती है!
अधिक चिंता करने से टेंशन होती है और अगर आप अधिक चिंता करेंगे तो आपको हमेशा टेंशन होगा और टेंशन से आपके अंदर कहीं बीमारी आ सकती है इसलिए कहा जाता है कि ज्यादा चिंता नहीं करना चाहिए जो भी इंसान ज्यादा चिंता करता है वह हमेशा टेंशन में रहती है जिस कारण से वह ढंग से सो नहीं पता ढंग से खाना नहीं का पता धीरे-धीरे उसका शरीर कमजोर हो जाता है जिस कारण से वह कई बीमारियों का शिकार हो जाता है
अधिक चिंता करने से हार्ट अटैक हो सकती है|
कहां गया कि चिंता और चीता दोनों एक समान होता है अगर आप अधिक चिंता करेंगे तो आपको हर्ट अटैक भी आ सकती है क्योंकि चिंता करने से मानव के हृदय पर दवा पड़ती है जिससे नशे ब्लॉक हो जाती है और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है| जिसमें आपकी जान भी जा सकती है इसलिए अधिक चिंता नहीं करना चाहिए।
मानसिक तनाव बढ़ सकती है|
जो लोग अधिक चिंता करते हैं अधिक सोचते हैं उसका मानसिक मानसिक तनाव बढ़ जाता है जिससे उसके जिससे उसके अंदर हमेशा चिड़चिड़ापन रहता है और उसे अधिक क्रोध आता है बहुत जल्द किसी के ऊपर गुस्सा हो जाते हैं और यह सब अधिक चिंता करने से होती है चिंता करने से बहुत सारी बीमारी आ जाती है इसलिए चिंता बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
FAQS
Q बहुत ज्यादा चिंता करने से क्या होता है?
बहुत ज्यादा चिंता करने से हमेशा बेचैनी सी बनी रहती है और इसके साथी कई बीमारी भी आती हैं जैसे नींद ना आना सर दर्द थकान महसूस होना शरीर में कमजोरी जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है इसलिए बहुत ज्यादा चिंता बिल्कुल नहीं करना चाहिए अपने मन को शांत रखना चाहिए।
Q टेंशन लेने से कौन सी बीमारी होती है?
टेंशन लेने से आप डिप्रेशन में जा सकते हैं और अगर आप इसे भी अधिक टेंशन लेंगे तो आपको पैनिक अटैक आ सकता है जिससे आप गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं या फिर हार्ट अटैक की वजह से आपकी मृत्यु भी हो सकती है।
इसलिए ज्यादा टेंशन बिल्कुल नहीं लेना चाहिए अगर आपको अधिक टेंशन है तो आप दूसरे के साथ शेयर करें जिससे आपका टेंशन थोड़ा काम हो जाएगा इसके साथ ही आप एक्टिव रहे और व्यायाम करें जिससे आपकी टेंशन कम हो सकती है।
Q दिमाग में टेंशन लेने से क्या होता है?
दिमाग में टेंशन लेने से सर दर्द होना शुरू हो जाता है टेंशन लेने से माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है और अगर आप इसे भी अधिक टेंशन लेंगे तो आपके मस्तिक के नशे ब्लॉक हो सकती हो और आपको हर्ट अटैक आ सकता है।
Qटेंशन से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
टेंशन लेने से शरीर में तनाव बनी रहती है पाचन क्रिया में दिक्कत हो सकती है प्रजनन से जुड़ी समस्या आ सकती हैं और इसके साथ ही आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है इसलिए कहा गया है की टेंशन बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
Q जब ज्यादा टेंशन हो तो क्या करना चाहिए?
अगर आपको ज्यादा टेंशन हो रही है तो आप पहले टेंशन को दूर करने का हल निकले पर्याप्त नींद ले अपने आप को कंफर्टेबल रखें नेगेटिव बातों की ओर ध्यान बिल्कुल ना दें आप हमेशा पॉजिटिव सोच पूजा पाठ इत्यादि करें जिससे आपकी टेंशन काम हो सकती हैं।
Q मैं छोटी-छोटी बातों को टेंशन क्यों लेता हूं?
क्योंकि आप अपनी नींद पूरी नहीं करते हैं एक स्वस्थ मनुष्य को कम से कम रात में 6 से 7 घंटा सोना चाहिए लेकिन यदि आप किसी कारणवश अपने नींद पूरी नहीं कर पाते हैं जिससे आपका मानसिक तनाव बना रहता है जिस कारण से छोटी-छोटी बातों पर टेंशन हो जाती है।
अगर आपको कोई कुछ बोल देता है तो आप तुरंत उसे बात को लेकर टेंशन में हो जाते हैं और उसके ऊपर क्रोध करने लगते हैं आपका मन आपके नियंत्रण में नहीं रहता जिस कारण से आपके छोटे-छोटे बातों पर टेंशन हो जाती है।
Q मस्तिष्क में चिंता का क्या कारण है?
किसी भी चीज के बारे में अधिक सोचना मस्तिष्क में चिंता का कारण होता है अगर आप किसी भी बात को लेकर गंभीर रूप से चिंता करते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है जिससे मस्तिक के कुछ नस दब जाती है और मस्तिक में दर्द शुरू हो जाता है जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है
Q चिंता को दूर कैसे करें?
अगर आप किसी विषय को लेकर अधिक चिंतित हैं और आप चिंता को दूर करना चाहते हैं तो चिंता को दूर करने के लिए आप उसे विषय में सोचना बंद कर दें अगर आपको किसी बात को लेकर टेंशन हो रही है तो आप उसे बात को सोचो ही मत बल्कि आप अपना सारा ध्यान कहां पर लगाओ अगर आपका ध्यान कम पर रहेगा तो आपका मन उसे बात की और नहीं जाएगा जिस बात को लेकर आपको टेंशन हो रही है या आप चिंता कर रहे हैं और इस प्रकार आप चिंता को दूर कर सकते हैं
Q अधिक चिंता हो तो क्या करें?
अगर आपको अधिक चिंता हो रही है तो आप धीमी आवाज में कोई सॉन्ग सुने जिससे आपका मन चिंता से हट जाएगा और आपका ध्यान सॉन्ग की ओर चला जाएगा अगर इससे भी नहीं हो रहा है तो आप पुस्तक पढ़ना शुरू कर दें या फिर किसी के साथ बातचीत करना शुरू कर दें और ऐसा भी कहा जाता है कि बात को दूसरे के साथ शेयर करने से चिंता कम हो जाती है अगर आप किसी बात को लेकर चिंतित हैं तो आप अपनी बातों को अपने फ्रेंड या अपने फैमिली में किसी भी मेंबर के साथ शेयर करें जिससे आपका मन हल्का हो जाएगा और आप चिंता करना बंद कर देंगे
Q चिंता क्यों होती है?
किसी भी बात को गंभीरता से लेना चिंता का कारण बनती है अगर आपको किसी ने कुछ कह दिया जिससे आपको गहरा आघात हुआ है तो यह चिंता का कारण बन जाती है या फिर कोई महंगी वस्तु को जाना भी चिंता का कारण बनती है या फिर किसी को बढ़ जाने से भी यह चिंता का कारण बन जाती है चिंता कई तरह के होते हैं इसलिए चिंता को चिता का सम्मान कहा गया है अधिक चिंता करने से मानसिक तनाव बनती है जिससे कई तरह की बीमारियां हमारे अंदर आ जाती है
Q चिंता का अर्थ क्या है?
चिंता का अर्थ बेचैनी या घबराहट होती है जिससे मन व्यथित और विचलित होने लगती है साफ शब्दों में कहा जाए तो चिंता का अर्थ फिक्र होता है जब भी मनुष्य किसी बात को लेकर गंभीरता महसूस करता है और एक ही बात को बार-बार सोचता है तो उसे चिंता कहा जाता है चिंता चिता के समान होता है इसलिए कहा जाता है कि अधिक चिंता करने वाले व्यक्ति की उम्र कम हो जाती है
Q चिंता रोग के कारण
चिंता रोगों के कारण होता है चिंता करने से बहुत से रोग आते हैं जैसे चिंता करने से नींद ना आना ,मानसिक तनाव बनी रहना, सीने में दर्द, बालों को झड़ना, शरीर में कमजोरी महसूस होना थकान होना इसके साथ ही मधु में और हृदय संबंधित रोग हो जाते हैं चिंता आपके दैनिक जीवन पर भी प्रभाव डालता है अधिक चिंता करने से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं
निष्कर्ष - jyada chinta karne se kya hota hai
दोस्तों आज हमने आपको बताया कि ज्यादा चिंता करने से क्या होता है अगर आप भी हर समय चिंता करते रहते हैं तो इससे आपको क्या-क्या नुकसान हो सकता है
इस बारे में पूरी जानकारी दी है जिसे पढ़कर आप जान सकते हैं कि ज्यादा चिंता करने से क्या होता है और हमें चिंता क्यों नहीं करना चाहिए
मैं आशा करता हूं आपको यह अलग पसंद आया होगा अगर इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी सवाल आपके मन में हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं
कोई टिप्पणी नहीं:
Write comment