रामानंद सागर की ramayan मैं अरविंद त्रिवेदी को ही रावण का किरदार क्यों मिला
इस टॉपिक पर बात करने जा रहे हैं कि आखिर रामानंद सागर की रामायण में अरविंद त्रिवेदी को ही रावण का किरदार क्यों मिला रामानंद सागर के धारावाहिक मैं arvind trivedi ने। खासी लोकप्रियता बटोरी थी । धारावाहिक सीरियल रामायण के साथ-सथ उन्होंने 250 से ज्यादा गुजराती और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है अरविंद त्रिवेदी ने बीबीसी को बताया कि वह गुजरात में थिएटर से जुड़े थे
1अरविंद त्रिवेदी को रावण का किरदार कैसे मिला
मधुपाल बीबीसी द्वारा लिया गया एक इंटरव्यू में उन्होंने इस सत्य का उजागर किया उन्होंने कहा कि जब उसे पता चला कि रामानंद सागर रामायण बना रहे हैं और किरदार की कास्टिंग कर रहे हैं तो वह ऑडिशन देने के लिए गुजरात से मुंबई आया
उन्होंने सोचा अगर रामायण में हमें छोटा-मोटा किरदार मिल जाए तो लोग हमें भी जानेंगे और सदियों तक हमें याद रखेंगे इसलिए वह केवट किरदार निभाना चाहते था
। उन्होंने कहा रावण का किरदार को निभाना चाहते थे । रावण के किरदार के लिए ऑडिशन देने के लिए 400 से अधिक लोग आए थे रावण के किरदार के लिए अमरीश पुरी को काष्ट किया गया अमरीश पुरी उस समय बॉलीवुड की फिल्मों में बहुत सारे रोल किए करवा खलनायक के किरदार के लिए बहुत चर्चित थे । खुद अरविंद गोविल जो राम का किरदार निभा रहे थे इस बात को स्वीकारते हैं कि उन्होंने और उनके टीम ने रामानंद सागर से कहा था कि अभिनेता अमरीश पुरी इस किरदार के लिए फिट हैं । लेकिन रामानंद सागर अभी भी संतुष्ट नहीं थे रावण का चयन करना इतना आसान नहीं था उसे एक ऐसी एक्टर की तलाश थी यह कोई आम सीरियल नहीं था हर घर में चलने वाला रामायण सीरियल बन रहा था उसे एक ऐसी एक्टर की तलाश थी हूबहू रावण की जैसा हो उनकी आवाज बुलंद हो दिखने मैं भी बिल्कुल रावण जैसा हो
लेकिन जब अरविंद त्रिवेदी का ऑडिशन लिया गया । उस ऑडिशन उन्होंने सिंह जैसी गर्जना की उनकी एक्टिंग भी गजब की थी उनकी आवाज में वह बुलंदी थी जिसे देख कर सबने उसे रावण के । किरदार के लिए अरविंद त्रिवेदी को चुनना सही समझा और अरविंद त्रिवेदी को रावण का किरदार मिल गया
arvind trivedi (रावण)-- कहते हैं कि उनके लिए रावण बनना आसान नहीं था शूटिंग के लिए उसे तैयार होने में 5 घंटे लगते थे उनका मुकुट का वजन 10 किलो का था उसके बावजूद भी उसे कई आभूषण वा भारी भरकम वस्त्र पहनना पड़ता था
। रामायण की शूटिंग गुजरात महाराष्ट्र बॉर्डर के पास उमरा गांव में होता था
2 टीवी सीरियल रामायण मैं आने से पहले लोग उसके साथ कैसा व्यवहार करते थे
। अरविंद त्रिवेदी जी ने कहा कि रामायण की शूटिंग के लिए हमेशा बम्बई से ट्रेन पकड़ कर उमरगांव जाया करते थे ट्रेन में सीट भी खाली नहीं मिलती थी इसलिए हमेशा हो खड़े होकर जाना पड़ता था लेकिन धारावाहिक टीवी पर जब हम आने लगे तब लोग मुझे ट्रेन पर बैठने के लिए सीट दे दिया करते थे । और पूछा करते थे कि अब धारावाहिक में आगे क्या होने वाला है और मैं भी मुस्कुरा कर कहा करता था कि आप इसी प्रकार धारावाहिक देखते रहिए तो अपने आप पता चल जाएगा कि आगे क्या होने वाला है
3 शूटिंग के दौरान उपवास रखते थे अरविंद त्रिवेदी जी
। रामायण की शूटिंग के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि मैं असल जिंदगी में राम भक्त और शिव भक्त हूं इसलिए जब भी शूटिंग पर जाया करता था मैं पूरा दिन उपवास रखता क्योंकि मुझे इस बात का दुख होता था कि दिए हुए स्क्रिप्ट के के हिसाब से मुझे श्री राम को उल्टे सीधे शब्द बोलना पड़ता था और शूटिंग शुरू होने से पहले राम और शिव का पूजा आराधना करता और जब शूटिंग खत्म हो जाती है तब घर आकर पहले मेकअप उतारता फिर कपड़े बदल कर रात को अपना उपवास खोलता और भोजन करता शूटिंग के दौरान यही मेरा दिनचर्य होती
4 सूटिंग के आखिरी दिनों का एहसास
इस सीरियल के बाद में लोगों के लिए हम अरविंद त्रिवेदी नहीं लंकापति रावण हो गए मैंने कभी नहीं सोचा था कि रावण का किरदार निभा कर इतना मशहूर हो जाऊंगा और भारत नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग मुझे पहचानेंगे और लोग सदियों तक मेरा नाम याद रखेंगे मैंने कभी नहीं सोचा था कि जिस दिन इस सीरियल का आखिरी एपिसोड सूट किया जा रहा था उस दिन उमरगांव और उसके आसपास के इलाकों से हजारों लोग सेट पर आ गए थे सभी लोग उस दिन बहुत रोया वह मंजर आज भी हमारे आंखों के सामने घूम जाता है
5 श्रीराम के अनन्य भक्त थे arvind trivedi (रावण)
। अरविंद त्रिवेदी जी रोज राम की पूजा किया करते थे शूटिंग पर जाने से पहले राम जी का पूजा करते थे उसके बाद ही वह शूटिंग पर जाते थे यहां तक कि अरुण गोविल जी जो राम राम का रोल किए थे उसे भी प्रभु कहकर पुकारते थे और उनका भी सम्मान किया करते थे ही । शूटिंग पर जाने के बाद भी सबसे पहले वह श्री राम की पूजा करते थे उसके बाद ही आगे का कार्यक्रम को बढ़ाते थे
व श्री राम के इतने बड़े भक्त थे कि रामायण सीरियल देखते देखते श्रीराम सामने आते हैं उसके सामने अपना हाथ जोड़कर नमन किया करते थे इनके अलावा और भी धर्म के अनेक कार्य किए तीर्थ यात्रियों के लिए धर्मशाला बनवाएं और आने जाने वाले थे तीर्थ यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करते
उनकी सेवा करते और साथ ही साथ पुण्य कार्य काम करते थे अरविंद त्रिवेदी जी ज्यादातर समय राम की भक्ति में ही बिताते थे
6 रामायण के बाद किस तरह इनकी जिंदगी में बदलाव आया
। रामायण में रावण का किरदार निभाने के बाद अरविंद त्रिवेदी जी राजनीति में भी कदम रखा
1991 में अरविंद त्रिवेदी जी गुजरात की सावरकैठा से लोकसभा सीट से सांसद चुने गए
2002 में उन्हें भारतीय फिल्म प्रमाण बोर्ड सीबीएफसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। अरविंद त्रिवेदी जी कभी सोचे भी नहीं थे कि मैं रामायण सीरियल के बाद इतना विख्यात हो जाऊंगा कि भारत में ही नहीं वल्कि विदेशों में भी उसे जानने लगे
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