बर्नर नदी का बांध अभी भी अधूरी क्यों है
. दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि बर्नर नदी का बांध अधूरा क्यों है बर्नर नदी जिसे छोटी गंगा कहा जाता है बर्नर नदी झारखंड से निकलती है
बिहार के जमुई जिला स्थित बटिया गांव । कटहराटांर के समीप समीप से होकर बर्नर नदी गुजरती है या नदी जंगल से निकलकर पहाड़ियों को चीरती हुई निकलती है जहां दो पहाड़ियों को जोड़कर एक विशाल डैम बनाया जा रहा था यह इतना विशाल डेम बनाया जा रह था जिससे काफी बिजली का निर्माण होता और लगभग 200 km तक सिचाई कि भी ब्यबस्था आसानी से हो जाती लेकिन आज तक उस डेम का निर्माण नहीं हो पाया जिसके करन हर कोई यही जानना चाहता कि आखिर बर्नर डेम का बाँध अधूरा क्यों है
इसे बनाने वाले कंपनी
गैमन इंडिय कंपनी डैम निर्माण का कार्य कर रहे थे
इसकी शुरुआत लगभग सन 1986 में हुआ था
यहां करीबन 2000 से 3000 मजदूर काम करते थे । जिसमें बड़े-बड़े इंजीनियर भी शामिल थे . पर इसे बनाना इतना आसान नहीं था . जिस नदी पर यह डैम का निर्माण हो रहा थ
बरसात के मौसम में तो यह नदी का जलस्तर बढ़ जाता है यह नदी का जल इतना तीव्र गति से आ रहा था इसे रोक पाना नामुमकिन था सब यह नहीं समझ पा रहे थे आखिरकार किया का जाए इस तरह पुल इस तरह बर्नर नदी डैम के कार्य में बाधा बन रही थी बाद में इसका निष्कर्ष निकला इस नदी को मोड़ने के लिए पहले कैनाल का निर्माण किया जाए कैनाल का निर्माण शुरू हो गया इस चैनल को दो भागों में बनाया गया एक पूरब की ओर जोक 18 कार्ड बटिया होकर पैरा मटियाना की ओर जाता है दूसरा पश्चिम की ओर बनाया गया पानी को कैनाल में मोड़ दिया गया और फिर आगे का कार्य शुरू हुआ पर किसे पता था संकट के बादल अभी हटे नहीं थी बरसात का मौसम आया बर्नर तीव्र । बर्नल नदी अपना विकराल रूप धारण किया जो भी कार्य हुआ था सब को नष्ट कर दिया फिर से निर्माण का कार्य शुरू हुआ बाद में । किसी कारण वश यह कार्य 1997 में संपूर्ण रूप से बंद हो गया
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