दोस्तों आज के लेख में हम आपको पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए पितृ दोष क्या होता है इससे जुड़ी सारी जानकारी पोस्ट के माध्यम से आपको बताई जाएगी
हिंदू धर्म में पितृपक्ष का महत्व बहुत अधिक होता है ऐसा माना जाता है पितृपक्ष के दौरान हमारे मृत पूर्वज अपने परिजनों के बीच रहकर अन्य और जल को ग्रहण करते हैं पितृपक्ष की महत्वपूर्णता बताते हुए स्वयं भगवान श्री कृष्णा भी कहते हैं
ऐसे में जिन घरों में स्वयं पित्र देव खुश रहते हैं उसे घर पर कभी कोई समस्या नहीं आती है लेकिन अगर किसी घर में कोई पितृ दोष होता है या उनके पित्र देवता उनसे नाराज होते हैं तो उसे घर में हमेशा लड़ाई झगड़ा कलेश धन की परेशानियां और बीमारियां बनी रहती है ऐसे घर में कुछ भी मंगल नहीं होता और यह जो पितृपक्ष के 16 दिन होते हैं वह अपने पितरों को खुश करने के लिए ही होते हैं
लेकिन आपको कैसे पता लग सकता है आपके घर में पितृ दोष है भी या नहीं तो मित्रों आज के इस पोस्ट में हम इसी विषय के बारे में आपको बताएंगे साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि आप कैसे पता लगा सकते हैं आपके घर में पितृदोष है या नहीं है और पितृ दोष क्यों लगता है पितृ पक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं पितृपक्ष में पूजा क्यों नहीं करना चाहिए इस तरीके से आपको लक्षण दिखाई देंगे
साथ ही क्या-क्या उपाय आपको करना है पूरा इस पोस्ट में हम लोग जानेंगे साथ ही हम आपको एक ऐसा कार्य भी बताएंगे जिसे आपको इस पितृपक्ष में अवश्य कर लेना है अगर आप यह कार्य नहीं करते तो आपके पितृ देवता आपसे नाराज हो सकते हैं आपके घर परिवार में संकट आ सकता है जीवन की खुशियों को नजर लग सकती है इसलिए इस पोस्ट के माध्यम से आप यह भी जानेंगे कि पितृपक्ष में क्या करना चाहिए पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए
मित्रों सबसे पहले हम आपको बता दे कि पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं यह जो भी जानकारी हम आपको बताने वाले हैं इसका उल्लेख शिव महापुराण में किया गया है बस हम आपके सामने इसे आसान भाषा में बता रहे हैं तो आईए जानते हैं इसे विस्तार से
पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं
पितृपक्ष आते ही सभी लोगों के मन में एक ही प्रश्न बार-बार उठना है कि पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं पितृपक्ष में पूजा कर सकते हैं जैसे रोजाना नॉर्मल ढंग से भगवान की पूजा करते हैं
उसे तरह से आप पितृपक्ष में पूजा कर सकते हैं लेकिन आपको कोई नया काम की शुरुआत नहीं करनी है कोई नया बड़ा आयोजन नहीं करना है या कोई शुभ कार्य पितृपक्ष में शुरू नहीं करना चाहिए जैसे गृह प्रवेश महामृत्युंजय बड़ा अनुष्ठान यह सब कार्य आप पितृपक्ष में नहीं कर सकते हैं
मित्रों श्राद्ध पक्ष यानी जो यह पितृपक्ष कि जब भी शुरुआत होती है तो जो भी हमारे पितृ देवता हैं यानी जो भी हमारे पितृ हैं पूर्वज भी कहते हैं इन्हें पितृ लोक से मृत्यु लोक में भेजा जाता है और यह सर्वप्रथम हमारे घरों में आते हैं
और पितृपक्ष में पूर्वजों को बड़े बेटे द्वारा पानी देने का भी मान्यता बताई गई है जिस घर के बड़े बेटे अपने पितरों को पितृपक्ष में पानी देते हैं जिनमें से कुछ लोग पितृपक्ष में पूजा पाठ आदि नहीं करते हैं लोगो मानना है कि पितृपक्ष मैं पूजा पाठ नहीं करना चाहिए लेकिन पुराणों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है
लेकिन सभी लोग पितृपक्ष में इसी दुविधा में फंसे रहते हैं कि पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं लेकिन हां पितृपक्ष में कोई भी नया काम की शुरुआत नहीं करना चाहिए या यदि आप कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं जैसे विवाह यज्ञ हवन उद्घाटन महामृत्युंजय यह सब काम आप पितृपक्ष में नहीं कर सकते हैं
लेकिन नॉर्मली जो घर की पूजा होती है उसे घर के अन्य सदस्य कर सकते हैं घर के बड़े बेटे जो अपने पितरों को पानी देंगे उसे छोड़कर घर के अन्य सदस्य जैसे रोज पूजा पाठ करते हैं उसे तरह से कर सकते हैं
पितृपक्ष कब है 2024
पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं यह तो आप जान गए होंगे लेकिन इसके साथ ही आपको 2023 में पितृपक्ष कब है 2023 में पितृपक्ष 29 सितंबर यानी कि शुक्रवार से हो रही है
और इसका समापन 14 अक्टूबर को हो जाएगा और इसी बीच में आपकी सारी तिथियां आ जाएगी जैसे द्वितीय तृतीय चतुर्थी पंचमी प्रदोष एकादशी सब कुछ आ जाएगा ऐसे में जिन दिनों पर आपके पितृ इस दुनिया को छोड़कर के गए थे
इस दोनों पर आपको उनका श्राद्ध करना है अगर आपको तिथियां पता नहीं है तो आप इस अमावस्या के दिन भी कर सकते हैं तो इन सब में सबसे पहले हम आपको बताएंगे इन 16 दिनों में कौन सी ऐसी गलतियां है जो नहीं और कौन सा उपाय है
पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए?
पितृपक्ष में पूजा करना चाहिए या नहीं इससे जुड़ी लोगों के मन में यह भी प्रश्न आता है कि पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए जिससे आपके पितृ देवता खुश रहेंगे और आपके हर एक परिवार के सदस्य की उन्नति होगी क्योंकि दोस्तों यह पूरा खेल पितृ दोष का ही होता है सबसे पहले बात करते हैं जब भी पितृ पक्ष की शुरुआत होती है
तो आपको किन चीजों को आपके घर में नहीं लाना चाहिए जिससे कि आपका पित्र देव नाराज ना हो
- पितृ पक्ष में कहवा कोहड़ा को घर में नहीं लाना चाहिए
तो सबसे पहले एक तो यह चीज काफी सारे लोगों को इसका नाम पता होगा इसे आगरा का जो पेठा होता है वह इसी वाले फल से बनता है काफी सारे लोग इसकी सब्जी भी बनाते हैं पर गलती से भी आपको 16 दिनों के पितृपक्ष में इस घर में नहीं लाना है
और ना ही इसकी सब्जी बनाना है काफी सारे लोग इसे कद्दू समझ लेते हैं लेकिन यह कद्दू नहीं है कद्दू जैसा जरूर दिखाई देता है लेकिन यह कद्दू नहीं है अगर आपको इसकी सही पहचान करनी है तो जब भी आप इसके ऊपर हाथ लगाओगे तो इसके ऊपर से सफेद सफेद सा एक पाउडर की तरह से जमा हुआ आपके हाथों पर चिपक जाएगा
तो कुछ इस तरीके से यह होता है पेठे को काफी सारी भाषाओं में कुष्मांडा या पेठे वाला फल भी कहा जाता है लेकिन कई जगहों पर इसे कहवा कोहड़ा भी बोला जाता है तो आपको इस गलती से भी अपने घर में नहीं लाना है
तो पहले काम तो यह हो गया इसकी जगह पर आप पितृपक्ष में कद्दू बना सकते हो इसकी कोई दिक्कत नहीं है
- पितृपक्ष भैंस के दूध से बनी भोग नहीं लगना चाहिए
दूसरी चीज है जब भी आप पितरों को भोजन परोसोगे भोग लगाओगे तो आपको अपने पितृ देवताओं को गलती से भी भैंस के दूध की बनी हुई मिठाई या खीर काम में नहीं लेनी है
आपको सिर्फ और सिर्फ गौ माता के दूध से ही बनाए हुए मिष्ठान बनाने हैं वरना आपके पितृ देवता नाराज होते हैं
- पितृपक्ष में पत्ता गोभी की सब्जी नहीं खानी चाहिए
गोभी आप सब लोग जानते हो तो आप इस वाली को भी को जिसे हम फूल गोभी को भी कहते हैं इसे आप घर पर खा सकते हो लेकिन यह जो कैब्बेज होती है जिसे हम पत्ता गोभी कहते हैं इस पत्ता गोभी की सब्जी को भी घर में नहीं बनाते हैं इस चीज को अवश्य ध्यान में रखना है
चौथी चीज तुरई की सब्जी पुरी की सब्जी भी आपको जरूर बननी है जिसे गिलकी वगैरा भी कहा जाता है इससे आपके पितृ देवताओं को शांति मिलती है और वह खुश होते हैं वह प्रसन्न होते हैं आपके परिवार की उन्नति करते हैं पहले काम तो यह हो गया आपको कौन-कौन सी चीजों से दूर रहना है और हमने जो यह तीन चीज बताई है उसे अब जान लेते हैं घर में पितृ दोष होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं
पितृ दोष होने के लक्षण
जब भी किसी घर में पितृ दोष होता है तब घर में बीमारियों का डेरा होता है परिवार के सदस्य हमेशा अस्वस्थ रहते हैं वैवाहिक जीवन में सदा तनाव बना रहता है पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होते हैं परिवार में एकता नहीं होती अक्सर घर में क्लेश होते हैं घर के सदस्यों को मानसिक शांति नहीं मिलती बिना बात के घर में लड़ाई झगड़ा होने लगते हैं यह सब पितृ दोष के लक्षण हैं पर अक्सर विवाह या मांगलिक कार्य में बढ़ाएं उत्पन्न होती है
शादी में तमाम तरह की परेशानियां आती है कई बार तो शादी पक्की होने पर टूट जाती है वंश की वृद्धि का ना होना भी पितृ दोष का कारण है ऐसी लाख जतन के बाद भी शादी के कई सालों तक संतान सुख नहीं मिल पाता अगर संतान सुख मिल भी जाए तो बच्चा विकलांग या पैदा होते ही उसकी मृत्यु हो जाती है
पितृ दोष होने पर नौकरी और बिजनेस में अक्सर घाट होना कार्य स्थल पर आर्थिक के साथ मानसिक परेशानियां झेलनी पड़ती है यह सभी पितृ दोष के लक्षण है
अब जानते हैं पितृ दोष से छुटकारा पाने के कुछ उपाय इन सभी उपायों के अंत में हम आपको वह असरदार उपाय भी बताने वाले हैं जिसका उललेख शिव महापुराण में बताया गया है इसलिए पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े
कुंडली में पितृ दोष होने पर क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष बन रहा है ऐसे व्यक्ति को घर के दक्षिण दिशा के दीवार पर पितरों की फोटो लगाना चाहिए साथ ही नियमित उनकी पूजा करके अनजाने में किए गए गलतियों के लिए उनसे क्षमा याचना करनी चाहिए
कहते हैं इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है साथ ही पितृपक्ष में पूर्वजों का विधि विधान से दर्पण और श्रद्धा करें पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल या बट वृक्ष के नीचे लोटे में गंगा जल लेकर उसमें काले तिल दूध अक्षत और फूल डालकर पीपल को अर्पित करें कहते हैं
इसे करने से पितरों को शांति मिलती है और वह आपको शुभ आशीर्वाद देते हैं पितृपक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है ऐसा आप रोजाना भी कर सकते हैं पितृ पक्ष से मुक्ति पाने के लिए आपको 16 दिनों तक शिवलिंग पर नियमित रूप से जल अभिषेक करना चाहिए
ऐसा करने से आपको काफी ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा वहीं पितृ दोष से भी मुकेश के अलावा जीवन में आ रही तमाम समस्याओं से भी छुटकारा आगमन होने लगेगा मां को भोजन करवा या गरीब कन्या के विवाह में मदद करने से भी पित्र देव खुश होते हैं
और पितृ दोष शांत होने लगता है अब जानते हैं उसे असरदार उपाय के बारे में जिसका जिकरुष शिव महापुराण में बताया गया है के दौरान सबसे पहले आपको एक कटोरी में चावल पत्र और दूर्वा बांधकर पानी के घड़े के पास रख देना है कहते हैं ऐसा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है इतना ही नहीं पित्र देव भी अपने लोगों से खुश रहते हैं उनके जीवन की तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं
अब आप सोच रहे होंगे कि चावल की कटोरी को रखने के बाद उसका बाद में क्या करना है तो आपको बता दे दो-तीन दिन बाद कटोरी मैं बंधा हुआ बेलपत्र और दूर्वा शिव जी के शिवलिंग पर अर्पित कर दें
और चावल को अपने घर में छिड़क दें तभी आपको इस उपाय का फायदा देखने को मिलेगा तो मित्रों यह थे पितृ दोष से छुटकारा पाने के कुछ असरदार उपाय हम आशा करते हैं हमारी यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी
पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए?
पितृ पक्ष में नई कार्य का शुरुआत ना करें
पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए
पितृपक्ष में यज्ञ नहीं करना चाहिए
सबसे जरूरी बात पितृपक्ष में आपको किसी भी जानवर या पशु पक्षी को नहीं मारना चाहिए ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पशु पक्षी या किसी जानवर के बेस में हमसे मिलने आते हैं आपके पूर्वज किसी भी रूप में आ सकते हैं शिव पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में सभी पितरों को धरती पर जाकर अपने परिवार से मिलने की आजादी दी जाती है जिससे पितृ किसी भी रूप में अपने घर आ सकते हैं
पितरों की पूजा कब करना चाहिए?
देखने के लिए सुनने के लिए कि हमारे जो हम पीछे छोड़कर आए हमारा परिवार कैसे हमें याद कर रहा है या नही कैसे पूजा पाठ कर रहा है हमें पानी दे रहा है कि नहीं और जब देखते हैं कि सब कुशल मंगल है तो हमें आशीर्वाद प्रदान करते हैं और जब देखते हैं कि उसे ना तो कोई याद कर रहा है ना ही पितृपक्ष में उसे पानी दिया जा रहा है
तो ऐसे में नाराज होकर चले जाते हैं जिस कारण से पितृ दोष लगता है और जब किसी को एक बार पितृ दोष लग गया तो उसके जीवन में अनेक को परेशानियों आना शुरू हो जाता है जिससे निकल पाना बड़ा ही मुश्किल होता है
पितरों को पानी किसे देना चाहिए?
पितरों को पानी बड़ा बेटा देते हैं जो घर में सबसे बड़े हैं उसे अपने पितरों को पानी देना चाहिए ऐसा माना जाता है कि बड़े बेटे के द्वारा पितरों को पानी दिया जाता है तो उसके पितृ खुश होते हैं
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