रविवार, 15 अक्टूबर 2023

2023 mein Diwali kab hai | 2023 में दिवाली कब है पूजा विधि शुभ मुहूर्त diwali date 2023

 नमस्कार दोस्तों आज के हम आपको बताएंगे कि साल 2023 me diwali kab hai 2023 में दिवाली कब है  सही तिथि लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त महत्व और इसकी पूजा विधि के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं



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हर साल कार्तिक मास के अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है इस दिन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है 


5 दिन के दीपोत्सव का त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है शास्त्रों में दीपावली का त्योहार सुख समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना गया है मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आकर उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं


 हर साल की तरह इस साल भी दीपावली की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है आज हम आपको साल 2023 में दीपावली कब है सही तिथि लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और इसकी पूजा विधि के बारे में बताएंगे


👉 दीपावली पर निबंध हिंदी में यहां देखें



2023 में दिवाली कब है ( शुभ मुहूर्त) 2023 me diwali kab hai | diwali date 2023


साल 2023 में दीपावली का पर्व 12 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा


 अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी 12 नवंबर दोपहर 2:44 पर


 अमावस्या तिथि समाप्त होगी 13 नवंबर दोपहर 2:56 पर


 पूजा का शुभ मुहूर्त होगा 12 नवंबर शाम 5:39 से शाम 7:35 पर


प्रदोष काल पूजा मुहूर्त होगा शाम 5:29 से शाम 8:08 तक


वृषभ कल समय होगा शाम 5:39 से 7:35 तक


दीवली लक्ष्मी पूजन विधि



दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि



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2023 में दिवाली कब है इसके साथ ही दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा पूजन विधि के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है तो ल अब दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन विधि के बारे में जानते हैं


 दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि शास्त्रों के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल और शुभ मुहूर्त में करना श्रेष्ठ माना जाता है दिवाली के दिन प्रदोष काल के समय पूजा स्थल पर एक साफ चौकी पर लाल वस्त्र बेचकर लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा को स्नान कर कर स्थापित करें


 पूजा स्थल में जल से भारी कलश रखें कलश के अंदर सिक्का सुपारी गेंदे का फूल और अक्षत डालें कलश पर आम अशोक के पांच पत्ते लगा ले


 अब कलश के ऊपर एक ढक्कन रखकर उसे पर चावल से भरा बरतन रखें


 कलश स्थापना के बाद सबसे पहले घी का दीपक जलाएं


 अब प्रतिमा को तिलक कर सभी पूजन सामग्री खीर, बताशे, पंचमेवा, गुड, फल फूल मिठाई कमल का फूल और कौड़िया मां को अर्पित करें


 लक्ष्मी मंत्रो का जाप और श्री सूक्त का पाठ करें


 दिवाली पर महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी और बही खातों की पूजा भी की जाती है


 पूजा के बाद लक्ष्मी गणेश जी की कथा सूने और फिर आरती करें अंत में घर सभी कोने में दिए जलाएं 


मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी गणेश जी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर जी का पूजन करना बहुत ही शुभ होता है


 दिवाली का महत्व


2023 में दिवाली कब है इस बारे में तो आप जान गए होंगे लेकिन अब हम आपको दिवाली का महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं दीपावली दीपों का उत्सव है शास्त्रों  के अनुसार लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल का माना जाता है


 कि इस दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करने से सुख समृद्धि धन संपदा ऐश्वर्या और वैभव का आशीर्वाद मिलता है दीपावली के दौरान किसी भी नई कार्यक्रम और किसी भी नई वस्तुओं का खरीदने का भी विशेष महत्व है



दीपावली क्यों मनाई जाती है 


दीपावली के दिन दीपक जलाया जाता है क्यों इस दिन लक्ष्मी का पूजन किया जाता है इस तरह की सभी बातें इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं जिससे आप दीपावली का महत्व के साथ-साथ  दीपावली क्यों मनाया  जाता है इस बारे में अच्छी तरह से जान पाएंगे भारत एक ऐसा देश है जिसे त्योहारों की भूमि कहा जाता है


 हिंदू मान्यता के अनुसार कुल 33 कोटी देवी देवता है इस प्रकार से देखे तो हमेशा किसी न किसी त्योहार का माहौल बना ही रहता है इन्हीं त्योहार इन्हीं पर्वों में से एक खास पर्व है जो दीपावली के नाम से जाना जाता है  दशहरा के ठीक के बाद मनाया जाता है


 इस त्यौहार को देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन दीपावली क्यों मनाई जाती है आखिर क्या कारण है कि जिससे दीपावली को दीप जलाया जाता है और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है यह सबसे बड़ी बात है तो हम आपको कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं जिसके आधार पर दीपावली और दीपोत्सव मनाने के पीछे कई कहानियां प्राप्त होती है


 लेकिन उन्हें कहानियों में से उन्हीं तथ्यों में से हम पांच तथ्यों को चुनकर इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं जो की सर्वमान्य है इन पांच में से तीन हिंदू समुदाय से एक सिख समुदाय से और एक जैन समुदाय से संबंधित है


 तो चलिए  हम एक-एक करके सभी कथाओं  को जानते हैं कि आखिर दीपावली क्यों मनाई जाती है और इस दिन दीप क्यों जलाया जाता है और माता लक्ष्मी का पूजन क्यों किया जाता है सबसे पहले यह जान लेते हैं कि दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है 


दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है


14 वर्षों के बाद भगवान श्री राम को लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है जी हां दीपावली का त्योहार दीपोत्सव का है यह त्यौहार कार्तिक अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और इसके साथ हि अब यह जान लेते हैं कि दीपावली क्यों मनाई जाती है पहली कहानी जुड़ी हुई है भगवान श्री रामचंद्र जी से त्रेता युग में जब भगवान श्री रामचंद्र को 14 वर्ष का वनवास हुआ


 उसी दौरान भगवान राम को उसे 14 वर्ष में अनेक यात्राओं को झेलते हुए लंका पहुंचे वहां पर लंका पति रावण का वध करने के बाद भगवान श्री रामचंद्र कार्तिक अमावस्या को ही अयोध्या लौटे थे इस अवसर पर समस्त अयोध्या वासी भगवान श्री राम के नगर वासी पर खुशी मनाते हुए घी का दीपक जलाए थे तब से दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा है


दूसरी कथा जुड़ी हुई है समुद्र मंथन से समुद्र मंथन के समय कार्तिक अमावस्या को ही समुद्र मंथन के दौरान सागर से महालक्ष्मी उत्पन्न हुई थी और भगवान श्री हरि विष्णु जी और माता लक्ष्मी का विवाह संपन्न हुआ था तभी से दीपावली का त्यौहार मनाते हुए माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है


 माता लक्ष्मी धन की देवी है इसलिए हर घर में दीप जलाने के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी पूजा अर्चना किया जाता है जिससे कि उसे घर में माता लक्ष्मी का सदा निवास सदा वास बना रहे 


दीपावली क्यों मनाई जाती है कारण


तीसरी घटना भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है द्वापर युग में एक राक्षस नरकासुर हुआ करता था वह बहुत ही अत्याचारी था एक बार वह 16000 युवतियों का अपहरण कर लिया था तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया और उन 16000 युवतियों को नरकासुर से मुक्त कराया था वह दिन भी कार्तिक अमावस्या का ही दिन था कृष्ण भक्ति धारा के लोग इसी दिन को दीपावली के रूप में मनाते हैं 


दीपावली क्यों मनाई जाती है 


चौथी कहानी जुड़ी हुई है सिक्ख समुदाय से एक बार की बात है जब मुग़ल बादशाह जहांगीर ने 52000 राजाओं को ग्वालियर के किले में बंदी बनाकर के रखा था उस दौरान सिखों के छठवें गुरु हर गोविंद सिंह ने अपनी सूझबूझ एवं अपनी बुद्धिमानी से 52000 राजाओं को जहांगीर के कैद से मुक्त कराया था तभी से सिख समुदाय भी दीपावली का यह त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मानने लगे


 दिवाली क्यों मनाई जाती है कथा 


जैन धर्म से जुड़ी हुई है जैन धर्म के 24 में और अंतिम तीर्थंकर कर भगवान महावीर स्वामी को कार्तिक अमावस्या की रात को ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन भगवान महावीर के प्रमुख गर्दर गौतम स्वामी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी 


इसीलिए दीप और रोशनी के त्योहार दीपावली को जैन धर्म के लोग भी बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं जैन धर्म के अनुसार पर भगवान महावीर स्वामी ने दीपावली वाले दिन अर्थात कार्तिक अमावस्या के दिन मोक्ष में जाने से पहले आधी रात को अंतिम उपदेश दिया था


 जिसे उत्तराध्यान सूत्र के नाम से जाना जाता है भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष में जाने के बाद वहां मौजूद जैन धर्म और लंबियों ने दीपक जलाकर के रोशनी करते हुए खुशियां मनाई थी 


जैन धर्म के लिए यह त्यौहार विशेष रूप से त्याग और तपस्या के त्यौहार के तौर पर मनाया जाता है इसलिए इस दिन जैन धर्म वलंबी भगवान महावीर स्वामी की पूजन विशेष रूप से करते हैं


 और उनके त्याग और तपस्या को याद करते हैं सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है इस तरह से इन पांच बिंदुओं को ही आधार मान करके इस त्यौहार को इस दीपावली के त्यौहार को इस दीपोत्सव को बड़े ही धूमधाम से भारत वर्ष में ही नहीं अभी तो देश-विदेश में भी मनाया जाता है जो कि पूरे हर्ष उल्लास का त्यौहार होता है 


घर में दीपक जलाए जाते हैं बच्चे पटाखे छोड़ते हैं और इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है और विशेष कर माता लक्ष्मी जी का पूजन करके प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं कहा जाता है




 दीपावली के दिन माता लक्ष्मी के पूजन के अलावा भगवान श्री गणेश एवं कुबेर जी का भी पूजन अर्चन किया जाता है भगवान श्री गणेश बुद्धि के देवता हैं इसलिए हम भगवान श्री गणेश के सामने नतमस्तक होकर के उनसे प्रार्थना करते हैं कि हमें सदैव सद्बुद्धि के मार्ग की ओर ले चलें और कुबेर जी धन के देवता होने के कारण कुबेर जी का भी पूजा किया जाता है


 जिससे कुबेर जी का कृपा दृष्टि हम पर बनी रहे बनी रहे और धन संपदा प्रचुर मात्रा में हमारे पास भरा रहे हमारा भंडार भरा रहे इस तरह से आपके सामने दीपावली मनाने के पांच तत्व पांच कथाएं प्रस्तुत की गई लेकिन दीपावली मनाने के लिए जो भी कथा हो जो भी तथ्य हो लेकिन यह बात निश्चित है कि दीपक आनंद प्रकट करने के लिए जलाए जाते हैं


 खुशियां बांटने का काम करते हैं भारतीय संस्कृति में दीपक को सत्य एवं ज्ञान का सूचक माना जाता है क्योंकि दीपक स्वयं जलता है लेकिन दूसरों को प्रकाश देता है दीपक की इसी विशेषता के कारण दीपक को ब्रह्म स्वरूप माना गया है यह भी मानता है कि दीपदान से शारीरिक एवं आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है 


जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है वहां दीपक का प्रकाश पहुंच जाता है दीपक को सूर्य का भाग सूर्यास्त संभवबोधी दीपक कहा जाता है स्कंद पुराण के अनुसार दीपक का जन्म यज्ञ से हुआ था यज्ञ देवताओं एवं मनुष्यों के मध्य संवाद साधने का एक माध्यम है


 यज्ञ की अग्नि से जन्मे इस दीपक का पूजन विशेष महत्वपूर्ण होता है विशेष फलदायक होता है इसलिए आपसे एक विनती करता हूं कि दीपावली के दिन आप अपने घर में मिट्टी का बना हुआ दीपक ही जलाएं वह दीपक चाहे घी का हो चाहे तेल का हो लेकिन मिट्टी का दीपक ही अपने घर में प्रज्वलित करें 


FAQS - 2023 me diwali kab hai


2023 दिवाली कब है दिवाली क्यों मनाया जाता है इस बारे में तो आप अच्छी तरह से जान गए होंगे लेकिन फिर भी 2023 में दीपावली कब है इससे जुड़ी प्रश्न अक्सर आपके मन में कई सवाल आ रहा होगा अगर आपके मन में भी दीपावली से जुड़ी कोई सवाल है तो हम अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों का जवाब सहित नीचे निम्नलिखित बताने जा रहे हैं



Q दीपावली कब है ? 2023 शुभ मुहूर्त


2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाया जाएगा दीपावली का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 5: 39 से लेकर शाम 7: 35 तक रहेगा 


Q दीपावली का शुभ मुहूर्त कब से शुरू होगा?


2023 में दीपावली का शुभ मुहूर्त 12 November को शाम 5:39 से प्रारंभ होगा और शाम को 7:35 तक रहेगा


Q 2023 में दीपावली किस दिन मनाई जाएगी?


2023 में दीपावली 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी इसी दिन भगवान श्री राम  रावण का बद्ध करके 14 वर्षों के बाद अयोध्या वापस लौटे थे जिनके खुशी में प्रत्येक वर्ष दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है


Q दीपावली कब है? 2023 में


दीपावली 2023 में 12 नवंबर दिन रविवार को है 2023 में दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा


निष्कर्ष - 2023 मैं दिवाली कब है


दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने आपको 2023 में दिवाली कब है और इसके साथ ही लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त दीपावली का महत्व और दीपावली क्यों मनाया जाता है इस बारे में पूरी जानकारी दी है जिससे आप साल 2023 में दिवाली कब है किस दिन है और इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा और इसके साथ ही और इसके साथ ही पूजन विधि के बारे में भी जान सकते हैं


मैं आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा आप जान गए होंगे कि साल 2023 में दिवाली कब है दीपावली का पर्व क्यों मनाया जाता है अगर इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी सवाल आपके मन में हो तो कमेंट में हमें जरूर बताएं




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